
धनबाद अंचल कार्यालय की कथित जनविरोधी कार्यशैली के खिलाफ जनसरोकार संगठन ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया। 21 सूत्री मांगों के समर्थन में आयोजित इस धरना का नेतृत्व रमेश कुमार राही ने किया। प्रदर्शन के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने अंचलाधिकारी को विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
धरना स्थल पर संबोधित करते हुए राही ने कहा कि अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि आम लोगों का काम बिना त्रुटि और बिना परेशानी के होना लगभग असंभव हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑनलाइन खतियान और पंजी-2 में नाम, टाइटल, जाति और रकबा से जुड़ी कई गलतियाँ सुधार के लिए आवेदन देने के बाद भी ठीक नहीं की जातीं। दाखिल–खारिज प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कई जमाबंदियों में भूमि का अंश कम नहीं किया गया, जिससे एक ही जमीन की दोहरी बिक्री का खतरा बढ़ जाता है।
राही ने यह भी कहा कि ऑफलाइन दाखिल–खारिज को पंजी-2 में दर्ज कर दिए जाने के बावजूद लगान भुगतान संभव नहीं हो पाता, क्योंकि अंचल कार्यालय द्वारा संबंधित जमाबंदी को ‘लॉक’ कर दिया जाता है। उन्होंने मांग की कि ऐसे सभी लॉक पंजी-2 को तुरंत अनलॉक किया जाए, ताकि राज्य को राजस्व प्राप्त हो और अवैध वसूली पर रोक लगे।
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उस पर दोबारा कब्जा न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। जिन मौजों में सर्वे कार्य अधूरा है या नहीं हुआ है, वहां की भूमि को भी ऑनलाइन प्रणाली में शामिल करने की आवश्यकता है, ताकि रैयतों को सुविधा मिले और राजस्व संग्रहण भी बढ़े। तालाब, बांध, नदियाँ, पहाड़, जंगल, वन भूमि, अर्जित भूमि और भूमिहीनों को पूर्व में दी गई बंदोबस्त की जमीन को प्रतिबंधित श्रेणी में सूचीबद्ध करने की भी मांग की गई, ताकि अवैध खरीद-फरोख्त पर रोक लग सके।
मांगपत्र में वर्ष 1971 में धनबाद निबंधन कार्यालय में लगी आग का मुद्दा भी उठाया गया। राही के मुताबिक उस घटना का सहारा लेकर वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़े पैमाने पर दाखिल–खारिज किए गए हैं। उन्होंने इन सभी मामलों की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन जमाबंदियों को रद्द करने की मांग दोहराई जिनमें कथित हेराफेरी हुई है।
उन्होंने कहा कि खाता–प्लॉट में हेराफेरी कर सीएनटी भूमि, गैर-आबाद भूमि और बंदोबस्त भूमि की अवैध खरीद-बिक्री करने वालों के खिलाफ कानूनी व विभागीय कार्रवाई आवश्यक है। लंबित आवेदनों का जल्द निपटारा भी प्रमुख मांगों में शामिल रहा।
धरना कार्यक्रम में अध्यक्ष कन्हैया पांडे, उपाध्यक्ष रंजन महतो, सोनी सरदार, हीरा साव, महासचिव जलेश्वर महतो, सचिव पंकज मंडल, जितेंद्र गुप्ता, लखपति सिंह, कोषाध्यक्ष श्रवण झा, धीरज शाह, दीपक साव, संजय हांसदा, सिंटू पिलई, विशाल साव, मिहीलाल रवानी, हरि रवानी, संजय रवानी, अजय साव, धनंजय हाजरा, पी.के. शर्मा, गौर महतो, उमाशंकर सिंह, हरिपद रजक, मदन महतो, राजेश महतो, दिनेश महतो, सुरेश महतो, शनिचर बेसरा, रमेश महतो, गणेश महतो सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ भी उपस्थित रहीं।
