बिहार में पहले चरण के मतदान के साथ ही बदलाव की नई हवा बहती हुई दिखाई दी। बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों से निकलकर वोट डाला और इस चुनावी प्रक्रिया को एक नई दिशा देने का संकेत दिया। जनता के उत्साह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में एक नई शुरुआत की उम्मीद मजबूत हो चुकी है—ऐसी शुरुआत जो खुशहाली, शांति, समान अवसर, सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव की ओर बढ़ती दिख रही है।
दो दशकों में पहली बार ऐसा माहौल दिखाई दे रहा है, जहाँ महागठबंधन के प्रति व्यापक समर्थन महसूस किया जा रहा है। इस बार लोगों की सोच सिर्फ सरकार बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ऐसी युवा और ऊर्जा-भरी व्यवस्था की स्थापना की ओर है, जो हर परिवार की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करे। लोगों की यह भी मंशा है कि शासन में जनता की सीधी सहभागिता रहे और हर नागरिक अपने स्तर पर ‘परिवर्तन का कारक’ बन सके।
महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने जिस सक्रियता और उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लिया, उसने साबित कर दिया है कि बिहार मतदाताओं का मूड पूरी तरह बदल चुका है। बेरोजगारी, असमानता, भ्रष्टाचार, अपराध, अन्याय और सामाजिक विषमताओं से जूझते राज्य ने अब निर्णायक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। सभी 121 सीटों पर महागठबंधन को मिले व्यापक समर्थन ने इसे और स्पष्ट कर दिया है। इसके लिए जनता का हार्दिक आभार।
आप सभी बिहार की नई यात्रा की असली ताकत हैं। यह सफर अभी शुरू हुआ है—ठहरना नहीं है, पीछे नहीं हटना है। विकास और तकनीक से जुड़ी नई संभावनाएँ अब दूर नहीं हैं। हमें धैर्य और विनम्रता के साथ हर चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ना है—चाहे वह विपक्ष द्वारा फैलाया गया भ्रम हो या लोकतांत्रिक मूल्यों पर मंडराता कोई खतरा। जनता के सपनों को सच करने का लक्ष्य अटल है।
जैसे आपने पहले चरण में अभूतपूर्व भरोसा दिखाया, उसी प्रकार 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण में भी अपना विश्वास और समर्थन दें।
तेजस्वी यादव ने यह भरोसा दिलाया है कि आने वाले पाँच वर्षों में बिहार को इस तरह आगे बढ़ाया जाएगा कि 14 नवंबर को लोग एक ऐसे विशेष दिन के रूप में याद करेंगे—जिस दिन राज्य ने विकास और समृद्धि के नए अध्याय की शुरुआत की थी।