धनबाद, 7 मार्च 2025 – “नारी तू नारायणी – यह सिर्फ एक कहावत नहीं, बल्कि हमारे समाज की सच्चाई होनी चाहिए।” यह कहना है ‘पहला कदम’ की सचिव अनीता अग्रवाल का, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नारी सशक्तिकरण और समानता पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता केवल एक दिन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर दिन की जरूरत है। वर्तमान समय में महिलाएं विज्ञान, राजनीति, शिक्षा और खेल सहित हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, लेकिन समाज में अभी भी कई स्थानों पर महिलाओं को समान अवसर नहीं मिलते।
अनीता अग्रवाल ने कहा कि एक आत्मनिर्भर महिला सिर्फ खुद का ही नहीं, बल्कि अपने परिवार और समाज का भी उत्थान करती है। शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और आने वाली पीढ़ी को भी सही दिशा दिखा सकती हैं। उन्होंने बताया कि ‘पहला कदम’ संगठन का उद्देश्य भी महिलाओं और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए सिर्फ कानून और नीतियां बनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज की मानसिकता बदलनी होगी। समान अवसर, समान वेतन और सुरक्षित वातावरण हर महिला का अधिकार है। जब महिलाओं को उनका अधिकार और सम्मान मिलता है, तो पूरा समाज प्रगति करता है। अनीता अग्रवाल ने कहा, “हम संकल्प लेते हैं कि हर महिला को सम्मान देंगे, उनकी शक्ति को पहचानेंगे और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करेंगे।” उन्होंने समाज से आग्रह किया कि हर लड़की और महिला को यह विश्वास दिलाएं कि वह किसी से कम नहीं।उन्होंने कहा, “जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं।” इस महिला दिवस पर हमें समानता और सम्मान की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लेना चाहिए।