जामताड़ा (JAMTADA): मिहिजाम नगर भाजपा कार्यालय में शनिवार को युवा मोर्चा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा को एक संगठनात्मक जागरूकता अभियान के रूप में प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक मजबूती का नारा नहीं, बल्कि संगठन को अंदर से मजबूत करने की रणनीति है, जिसे भाजपा नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाना चाहती है।
युवा मोर्चा जिला महामंत्री चंदन राउत ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को यह समझाना है कि आज के दौर में only government support पर निर्भर रहने के बजाय, समाज को आगे बढ़ाने की चाबी नागरिकों के अपने प्रयासों में छिपी है। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत का असली स्वरूप यह है कि हम समस्याओं का हल खुद ढूँढना सीखें। राष्ट्र तभी आगे बढ़ता है जब उसके नागरिक जिम्मेदार बनते हैं।”
राउत ने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम केवल सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए नहीं है, बल्कि यह बताने के लिए है कि युवा अपनी प्रतिभा को चुनौतियों का सामना करने में कैसे उपयोग कर सकते हैं। “युवाओं का कौशल अगर सही दिशा में लगे तो किसी बाहरी सहयोग की आवश्यकता ही नहीं पड़ती,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में भाजपा नेता सुरेश ने कहा कि भारत पहले भी कठिन दौरों से गुजरा है और हर बार समाज ने अपने दम पर रास्ता बनाया है। “आज के समय में हमें यह समझना चाहिए कि आत्मनिर्भरता केवल स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग तक सीमित नहीं है। इसका अर्थ है—निर्णय, विचार और क्षमता में स्वतंत्र होना,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि “आज की चुनौतियाँ हमें यह संदेश देती हैं कि नीतियाँ तभी सफल होती हैं जब आम जनता अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाए।”
नगर परिषद अध्यक्ष कमल गुप्ता ने कहा कि आत्मनिर्भरता का अर्थ यह भी है कि समाज अपनी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर तलाशना सीखे। “अगर हम बाजार से आने वाले हर समाधान का इंतजार करते रहेंगे, तो चुनौतियाँ बढ़ती जाएँगी। स्थानीय व्यवसाय, छोटे उद्योग और घरेलू उत्पादन—ये सभी आत्मनिर्भरता के असल स्तंभ हैं,” गुप्ता ने कहा।
भाजपा नेत्री रीता शर्मा ने आत्मनिर्भरता को एक मानसिक आदत बताया। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भरता का मतलब केवल उत्पादन नहीं, बल्कि खुद पर भरोसा करना है। जब व्यक्ति अपनी क्षमता पहचानता है, तब वह बड़े बदलाव का हिस्सा बनता है।”
कार्यक्रम में स्थानीय कारीगरों और छोटे उद्यमियों—कृष्ण पाल, अनिल टुडू, रमेश शर्मा, आलोक मिस्त्री और अमित मंडल—को सम्मानित किया गया। आयोजकों ने उन्हें यह कहते हुए मंच पर बुलाया कि इन लोगों ने बिना बड़ी पूँजी, केवल स्थानीय साधनों पर आधारित काम शुरू करके दिखाया है कि छोटे प्रयास भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
युवाओं ने कार्यक्रम के दौरान “आत्मनिर्भर भारत—युवा शक्ति का संकल्प” का नारा लगाया, जिसका उद्देश्य जन-भागीदारी की भावना को उत्साहित करना था।
कार्यक्रम में शुभम साहू, दीपक शर्मा, परिचय मंडल, अर्चना गुप्ता, नियति सिंह, ओमप्रकाश साहू, मिलन विश्वास, शुभम बर्मन, राजवीर पटेल और अरुण यादव सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समारोह के अंत में वक्ताओं ने कहा कि यह अभियान किसी एक समूह का नहीं, बल्कि पूरे समाज की भागीदारी का है। आत्मनिर्भर भारत का वास्तविक अर्थ तभी पूरा होगा जब लोग चुनौतियों को अवसरों में बदलने की आदत विकसित करेंगे और अपने क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करेंगे।