सोमवार को गोधर स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में स्थानीय युवाओं ने रणवीर प्रताप रवानी की अगुवाई में कुसुंडा साइडिंग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर प्रेस वार्ता की। बैठक में युवाओं ने आरोप लगाया कि 2011 से चल रही कुसुंडा रेलवे साइडिंग के कारण आसपास के लगभग दो हजार परिवार लगातार धूल और प्रदूषण से जूझ रहे हैं, लेकिन रोजगार के नाम पर क्षेत्रवासियों को लगभग न के बराबर अवसर मिले हैं।
रणवीर प्रताप रवानी ने कहा कि साइडिंग के संचालन में वर्षों से सिर्फ 24 युवकों को ही काम मिला है, जो स्थानीय आबादी के अनुपात में बेहद कम है। उनका कहना था कि नए कार्य या टेंडर की प्रक्रिया शुरू होते ही बाहरी तत्व हावी हो जाते हैं, जिससे स्थानीय बेरोजगारों की अनदेखी होती है।
उन्होंने साफ कहा कि अब क्षेत्र के युवा यह स्थिति बर्दाश्त नहीं करेंगे। टेंडर कोई भी ले, लेकिन काम और निगरानी दोनों वार्ड नंबर 13 के युवाओं द्वारा ही किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर किसी तरह की दबंगई या माफिया हस्तक्षेप हुआ तो युवा उसका कड़ा प्रतिरोध करेंगे।
रवानी ने बताया कि साइडिंग उनके घरों के पास होते हुए भी स्थानीय युवाओं को मजबूरी में अन्य राज्यों में नौकरी की तलाश करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन और जिला प्रशासन की चुप्पी निराशाजनक है। यदि जल्द ही स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया, तो युवाओं को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
प्रेस वार्ता में पवन सिंह, मिथिलेश चौहान, सत्यजीत रवानी, कार्तिक पांडेय, उमाशंकर दुबे, अंकित रवानी, आलोक रवानी, हरि रवानी, प्रकाश रवानी, लालू राय, सुरेंद्र रवानी, आकाश वर्मा, अरविंद रवानी, विशाल रवानी, संजीत पासवान, भीम रवानी, छोटू अंसारी, गुड्डु रवानी, संजय रवानी, नीरज कुमार रवानी, विकास रवानी, प्रमोद राय और राहुल पांडेय सहित कई युवा मौजूद थे।