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पटना में मौर्य होटल के CCTV ढके जाने पर सियासी बवाल: कांग्रेस का आरोप – शाह किससे छिपकर मिल रहे हैं, बीजेपी बोली- सुरक्षा प्रोटोकॉल है…

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पटना(PATNA): बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में राजधानी पटना का मौर्य होटल अचानक राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है। होटल के कुछ CCTV कैमरों पर अस्थायी रूप से कवर लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस का कहना है कि शाह के होटल में ठहरने के दौरान कैमरों को ढकना कई तरह के संदेह पैदा करता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने पटना में प्रेस ब्रीफिंग कर आरोप लगाया कि CCTV कैमरों को ढकने का मतलब है कि कुछ महत्वपूर्ण मुलाकातें कैमरे की पहुंच से दूर रखी गईं। खेड़ा ने कहा, “जब कोई वीवीआईपी आम लोगों की नजरों से बचने की कोशिश करता है, तो जाहिर है तस्वीर साफ नहीं है। जनता को यह जानने का हक है कि आखिर गोपनीयता किसलिए बरती गई।”

खेड़ा ने मीडिया को होटल परिसर से ली गई तस्वीरें भी दिखाईं, जिनमें कुछ CCTV कैमरों पर कागज या कवर लगा दिखाई दे रहा था। उनका कहना था कि यह पूरी कार्रवाई किसी ‘विशेष बातचीत’ को कैमरों में कैद होने से रोकने के लिए की गई।

कांग्रेस ने दावा किया कि बिहार चुनाव के दौरान इस तरह की गतिविधियां पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं। विपक्ष का आरोप है कि होटल में कुछ चुनिंदा नेताओं और कारोबारी हस्तियों के साथ अनौपचारिक बातचीत की गई, जिनका चुनावी माहौल पर असर पड़ सकता है।

उधर, बीजेपी ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह झूठा बताते हुए विपक्ष पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “गृह मंत्री की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। SPG प्रोटोकॉल में कई बार लो-रिस्क जोन में भी कैमरों को कवर करना आवश्यक होता है, ताकि सुरक्षा में कोई तकनीकी सेंध न लगे। इसे सनसनीखेज बनाना सिर्फ चुनावी नौटंकी है।”

पटना पुलिस और होटल प्रबंधन ने भी संयुक्त रूप से स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल सुरक्षा कारणों से की गई थी और होटल के भीतर किसी राजनीतिक बैठक का आयोजन नहीं हुआ। होटल प्रशासन ने कहा कि कैमरों को ढकना एक नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा था, जो अक्सर वीवीआईपी विज़िट में लागू की जाती है।

इसके बावजूद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पूरे मामले की जांच की मांग की है। पार्टी का सवाल है कि सुरक्षा जरुरी है, लेकिन क्यों ऐसे कदम उठाए गए जो राजनीतिक अविश्वास को बढ़ावा दें?

CCTV विवाद ने चुनावी दौर में बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। अब निगाहें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

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