ED का शिकंजा कसता हुआ! रैना और धवन की 11.14 करोड़ की संपत्ति कुर्क, सट्टेबाजी ऐप से जुड़ा मामला

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नई दिल्ली (NEW DELHI): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर रोक लगा दी है। यह कुर्की धनशोधन निवारण कानून (PMLA), 2002 के तहत की गई है। कार्रवाई के दायरे में रैना के 6.64 करोड़ रुपये मूल्य के म्यूचुअल फंड निवेश शामिल हैं, जबकि धवन से जुड़ी करीब 4.5 करोड़ रुपये की अचल परिसंपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया गया है।
ईडी के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई उन कई मामलों की जांच का हिस्सा है जिन्हें विभिन्न राज्यों की पुलिस ने अवैध विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म 1xBET के खिलाफ दर्ज किया था।

1xBET, जो 2007 में स्थापित एक विदेशी ऑनलाइन बेटिंग कंपनी है और जिसका मुख्यालय साइप्रस में स्थित बताया जाता है, लंबे समय से भारतीय डिजिटल स्पेस में अवैध गतिविधियों के माध्यम से सक्रिय रहने के आरोपों का सामना कर रही है। ईडी के मुताबिक, कंपनी और इसके छद्म नामों—1xBAT तथा 1xBAT Sporting Lines—ने भारत में बड़े स्तर पर जुआ-सट्टेबाजी को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन और ब्रांडिंग का सहारा लिया। एजेंसी का दावा है कि इन अभियानों में रैना और धवन जैसे हाई-प्रोफाइल चेहरे भी शामिल हुए, जिन्होंने विदेशी संस्थाओं के जरिए किए गए विज्ञापन सौदों को स्वीकार किया, जबकि प्लेटफॉर्म की वैधता संदिग्ध और नियमों के विपरीत थी।

जांच में यह भी सामने आया है कि प्लेटफॉर्म भारत में बिना किसी लाइसेंस के काम कर रहा था और सोशल मीडिया, डिजिटल वीडियो और अन्य माध्यमों के जरिए भारतीय उपयोगकर्ताओं को टारगेट करता था।
ईडी के अनुसार, 1xBET के नेटवर्क के जरिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध धनराशि अलग-अलग रास्तों से गुजारी गई। इस प्रक्रिया में “म्यूल अकाउंट्स” का व्यापक इस्तेमाल किया गया—ऐसे खाते जिनका उपयोग अपराधी अनजान लोगों के नाम पर खोले गए खातों के माध्यम से अवैध पैसों को वैध दिखाने के लिए करते हैं। एजेंसी ने ऐसे 6000 से अधिक खातों की पहचान की है।

जांच के दौरान कई भुगतान गेटवे भी रडार पर आए। ईडी ने PMLA के तहत तलाशी अभियान चलाकर चार भुगतान गेटवे से संबंधित स्थानों पर छापेमारी की, जहाँ से बड़ी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य मिले। इसके परिणामस्वरूप 60 से अधिक बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है, जिनमें लगभग चार करोड़ रुपये की राशि फिलहाल रोकी गई है।

बढ़ते साइबर-जुआ मामलों को देखते हुए ईडी ने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की है। एजेंसी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति यदि जानबूझकर अवैध सट्टेबाजी या उससे जुड़ी धनशोधन गतिविधियों में मदद करता है, तो उस पर पीएमएलए के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। कानून के तहत अधिकतम सात साल की कैद और संपत्ति कुर्की का प्रावधान है।
साथ ही, यदि किसी व्यक्ति को अपने बैंक खाते के दुरुपयोग या किसी संदिग्ध लेन-देन का संदेह हो, तो उसे तुरंत बैंक और स्थानीय पुलिस को सूचित करने की सलाह दी गई है।

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