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चीन के स्पेस मिशन के मलबे से प्रभावित क्षेत्र: रॉकेट के टुकड़े मकानों पर गिरे, एयर स्ट्राइक जैसी स्थिति बन गई

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चीन का रॉकेट अंतरिक्ष में जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन रास्ते में सब कुछ योजना के अनुसार नहीं हुआ। किंघई प्रांत के गिनीन काउंटी में चीन का Long March 2D रॉकेट अचानक धरती पर गिर गया। परिणामस्वरूप आसमान से आग की लपटें बरसीं, लोगों में डर फैल गया, और सोशल मीडिया पर लोग मजाक बनाने लगे कि “मार्च तो किया, लेकिन रास्ता खो गया।”

क्या हुआ था?

13 अक्टूबर को चीन ने नॉर्थ वेस्ट के जिउकुआन सैटेलाइट सेंटर से ‘शियान-31’ सैटेलाइट लॉन्च किया। उद्देश्य था ऑप्टिकल इमेजिंग तकनीक का परीक्षण। सैटेलाइट तो सफलतापूर्वक स्पेस में पहुंचा, लेकिन रॉकेट का मलबा नियंत्रित तरीके से नहीं गिरा – बल्कि सीधे आबादी वाले इलाके में पहुँचा।

Long March रॉकेट क्या है?

यह वही रॉकेट श्रृंखला है जिसे चीन अब तक 599 बार लॉन्च कर चुका है। इसे चीन की CASC कंपनी (China Aerospace Science & Technology Corp) बार-बार इस्तेमाल करती है। यह रॉकेट दो स्टेज वाला है और इसमें हाइपरगॉलिक ईंधन उपयोग किया जाता है, जो जहरीला होता है। इसका मतलब, अगर यह किसी आबादी वाले इलाके में गिरता है तो जमीन और हवा दोनों प्रदूषित हो सकती हैं।

खतरे और मुद्दे

सबसे बड़ी समस्या यह है कि चीन आम जनता को ऐसे लॉन्च के बारे में पूर्व सूचना नहीं देता। इस बार भी अचानक रॉकेट मलबा गिरने से लोग असुरक्षित महसूस करने लगे।

अब उठ रहे सवाल ये हैं:

  1. क्या चीन के रॉकेट अब सिर्फ स्पेस जंक नहीं, बल्कि सीधे लोगों के लिए खतरा बन गए हैं?
  2. क्यों चीन अभी भी ऐसे हानिकारक ईंधन का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि क्लीनर विकल्प मौजूद हैं?
  3. क्या अगली बार रॉकेट लॉन्च करने से पहले चीन किसी तरह की पब्लिक अलर्ट प्रणाली अपनाएगा?

चीन के लिए संदेश

स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया को पीछे छोड़ने की कोशिश में इस बार चीन ने खुद ही असुरक्षा का सामना किया। Long March 2D की इस घटना के बाद दुनिया अब कह रही है – “अगली बार लॉन्च से पहले कम से कम लोगों को चेतावनी तो दे दो!”

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