धनबाद (DHANBAD): दीपावली की रात देश की कोयला राजधानी धनबाद की हवा और माहौल दोनों पर प्रदूषण का गहरा असर देखा गया। पटाखों के अत्यधिक उपयोग से वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर सामान्य सीमा से कहीं आगे निकल गया। सोमवार की मध्यरात्रि में शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 262 तक पहुँच गया, जो कि बेहद चिंताजनक श्रेणी में आता है। लगातार आतिशबाज़ी के कारण हवा में धुआँ और हानिकारक गैसों की मात्रा तेजी से बढ़ती गई। शाम ढलने के बाद से ही वायु की गुणवत्ता गिरने लगी थी और रात आठ बजे के बाद AQI 200 से ऊपर पहुँच गया था। यह स्थिति मंगलवार की सुबह लगभग चार बजे तक बनी रही। प्रदूषण का सबसे बुरा दौर रात 10 बजे से दो बजे के बीच रहा, जब AQI 250 से अधिक दर्ज किया गया। यह स्तर खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक माना जाता है।
पीएम 2.5 का स्तर 165 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंचा :
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, दीपावली के दिन धनबाद की हवा में पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर, महीन धूल-कण) का स्तर 120 से 165 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया, जबकि इसका मान्य स्तर केवल 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है. पीएम 2.5 के इतने ऊंचे स्तर से हवा में सूक्ष्म धूल-कणों की घनता बढ़ जाती है, जो सांस के जरिए शरीर में जाकर फेफड़ों व दिल पर बुरा असर डालती है. इसी अवधि में सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर भी सामान्य से कई गुना अधिक पाया गया. दीपावली की रात यह 80 से 130 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक दर्ज किया गया, जबकि सामान्य स्थिति में यह स्तर 40 माइक्रोग्राम से कम रहना चाहिए. यह गैस आतिशबाजी में प्रयुक्त रासायनिक तत्वों से उत्पन्न होती है.
कोयला राजधानी के वातावरण में रात भर गूंजते रहे पटाखे :
सोमवार को धनबाद में ध्वनि प्रदूषण ने भी सभी सीमाएं पार कर दीं. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर के तीन प्रमुख स्थानों बरटांड़, हीरापुर और बैंक मोड़ में ध्वनि प्रदूषण रिकाॅर्ड किया गया. दीपावली की रात बैंक मोड़ सबसे अधिक शोरगुल वाला इलाका रहा. यहां पहले ध्वनि प्रदूषण अधिकतम (समान प्रभावी ध्वनि स्तर) 75.5 डेसिबल था, जो दीपावली के दिन बढ़कर 106.3 डेसिबल तक पहुंच गया. रात नौ से 10 बजे के बीच बैंक मोड़ में आतिशबाजी का शोर उच्चतम स्तर रिकाॅर्ड किया गया. वहीं बरटांड़ में 10 बजे से 11 बजे के बीच औसत ध्वनि स्तर 60.5 डेसिबल से बढ़कर अधिकतम स्तर 103.6 डेसिबल तक पहुंच गया, जबकि इसी अवधि में हीरापुर क्षेत्र में दीपावली के दिन औसत 63.5 डेसिबल से बढ़कर 105.2 डेसिबल तक दर्ज हुआ, जो आवासीय सीमा से करीब 40 डेसिबल अधिक है.