धनबाद (DHANBAD): भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और वैज्ञानिक प्रगति को मजबूत करने की दिशा में IIT (ISM) धनबाद और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन (MoU) पर सहमति जताई है। इस समझौते से उद्योग और शिक्षण संस्थानों के बीच तकनीकी सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है।
यह MoU IIT (ISM) धनबाद की डीन (कंटिन्यूइंग एजुकेशन प्रोग्राम) प्रो. केका ओझा और ONGC के प्रोडक्शन जेवी एसेट एवं बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप (PJVA&BD) के चीफ कुलदीप मुखर्जी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। कार्यक्रम में ONGC के निदेशक (स्ट्रेटेजी एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स) अरूणग्शु सरकार तथा IIT (ISM) धनबाद के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. विकास माहतो भी उपस्थित रहे।
1926 से ऊर्जा, खनन और भू-विज्ञान शिक्षा का देश में अग्रणी केंद्र रहा IIT (ISM) लंबे समय से पेट्रोलियम उद्योग का तकनीकी साझेदार रहा है। यह नया समझौता संस्थान की उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक सक्षम, नवोन्मेषी और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और मजबूत पहल है।
किन क्षेत्रों में होगा सहयोग?
IIT (ISM) और ONGC आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र की विभिन्न आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई आयामों में साथ काम करेंगे, जिनमें शामिल हैं—
- भू-विज्ञान एवं पृथ्वी विज्ञान
- इंजीनियरिंग डिजाइन
- केमिकल एवं प्रोसेस टेक्नोलॉजी
- रिमोट सेंसिंग व GIS
- वैकल्पिक व स्वच्छ ऊर्जा
- क्रिटिकल मिनरल्स
- CBM और कोल गैसीफिकेशन
- अपस्ट्रीम–मिडस्ट्रीम–डाउनस्ट्रीम क्षेत्र से जुड़े तकनीकी नवाचार
इन क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान, परामर्श कार्य, तकनीक विकास और शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों संस्थान ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देंगे।
ओएनजीसी की प्रतिक्रिया
समझौते के दौरान ONGC के निदेशक (स्ट्रेटेजी एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स) ने कहा कि IIT (ISM) जैसा अनुभवी और अनुसंधान-केंद्रित संस्थान ONGC के अन्वेषण एवं उत्पादन मिशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सहयोगी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह साझेदारी भारत के ऊर्जा क्षेत्र में ‘नेक्स्ट जनरेशन’ तकनीकी समाधान विकसित करने में मददगार होगी।
IIT (ISM) की नई पहल
IIT (ISM) का यह समझौता संस्थान की उस दीर्घकालिक दृष्टि को और मजबूती देता है जिसके तहत वह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और वैज्ञानिक प्रगति में एक प्रमुख भागीदार बनने की दिशा में काम कर रहा है। संस्थान का उद्देश्य ONGC के साथ मिलकर ऐसे वैज्ञानिक समाधान तैयार करना है जो भविष्य में टिकाऊ, किफायती और बड़े स्तर पर लागू किए जा सकें।
कुसुम न्यूज़ से निशा की रिपोट