अल फलाह समूह के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी 13 दिनों की ED हिरासत में

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नई दिल्ली (New Delhi): राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने अल फलाह समूह के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 13 दिन की रिमांड पर भेजने का निर्देश दिया है। अदालत ने माना कि सिद्दीकी पर बड़े पैमाने पर वित्तीय हेराफेरी, फर्जी मान्यताओं के दावे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े गंभीर आरोप हैं, जिनकी गहन जांच जरूरी है।

ED का दावा: करोड़ों की संदिग्ध आय

ED की जांच रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 से 2024-25 के बीच अल-फलाह विश्वविद्यालय ने 415.10 करोड़ रुपये की राशि अर्जित की। एजेंसी का कहना है कि यह धन अवैध गतिविधियों का परिणाम है।
जांचकर्ताओं के अनुसार विश्वविद्यालय ने अपनी मान्यता, कानूनी स्थिति और शैक्षणिक अधिकारों के बारे में सार्वजनिक स्तर पर भ्रामक जानकारी दी और इसी आधार पर कथित तौर पर भारी भरकम रकम जुटाई।

हिरासत क्यों?

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सिद्दीकी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है, ताकि

  • मामले के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके,
  • और किसी भी संभावित सबूत को नष्ट होने से रोका जा सके।

ED ने अल फलाह समूह के कई परिसरों में तलाशी अभियान चलाने के बाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था।

दूसरे मामले में भी जारी है जांच

जानकारी यह भी सामने आई है कि दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में भी अल-फलाह विश्वविद्यालय का नाम उभरकर आया है, और इस संबंध में भी एजेंसी की तफ्तीश जारी है।

कुसुम न्यूज़ से निशा की रिपोट

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