नई सरकार, नए चेहरे: नीतीश कैबिनेट में महिला, युवा और मुस्लिम नेताओं को मिल सकती है जगह

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पटना (Patna): बिहार में नई सरकार के गठन के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट को लेकर राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा है। संकेत मिल रहे हैं कि इस बार मंत्रिपरिषद का स्वरूप पहले की तुलना में अधिक संतुलित होगा, जिसमें महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जाएगा।

युवा और नए चेहरों को तवज्जो

सूत्रों के अनुसार नई कैबिनेट में करीब 10 नए मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। जदयू अपने कोटे से एक-दो युवा नेताओं को मौका दे सकता है, जबकि भाजपा ऐसे पाँच से छह युवा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का मन बना चुकी है, जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम है।

महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी की तैयारी

इस बार कैबिनेट में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने की पूरी संभावना है। कुल चार से पाँच महिला चेहरे मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं।
जदयू खेमे से लेशी सिंह और शालिनी मिश्रा, जबकि भाजपा से रमा निषाद और रेणु देवी के नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं। सहयोगी दलों से भी एक महिला मंत्री शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व: मुस्लिम चेहरे भी होंगे शामिल

जदयू की योजना है कि नई कैबिनेट में मुस्लिम समुदाय के एक या दो प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया जाए। इनमें मुस्लिम समाज की अगड़ी जाति तथा पसमांदा समुदाय दोनों से नेताओं को स्थान मिल सकता है।
बिहार में 18% मुस्लिम आबादी के अनुपात को देखते हुए प्रतिनिधित्व को संतुलित करने की कोशिश की जा रही है, जिसमें पसमांदा समुदाय की हिस्सेदारी सबसे अधिक—लगभग 14%—है।

रणनीति और राजनीतिक समीकरण

भाजपा जहां महिलाओं और युवाओं को तरजीह देकर अपनी राजनीतिक छवि को मजबूत करना चाहती है, वहीं जदयू का फोकस अल्पसंख्यक संतुलन और सामाजिक विविधता पर है।
संभावित मंत्रियों की सूची में उमेश कुशवाहा और विजय खेमका जैसे नाम भी तेजी से सुर्ख़ियों में हैं।


नई कैबिनेट की इस संभावित संरचना को बिहार में सामाजिक और राजनीतिक संतुलन को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

कुसुम न्यूज़ से निशा की रिपोट

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