बिहार विधानसभा चुनाव: भाजपा और राजद की 51 सीटों पर होगी आमने-सामने टक्कर
बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक मुकाबला अब और अधिक रोचक हो गया है। इस बार राज्य की 51 विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच सीधी भिड़ंत देखने को मिलेगी। हालांकि एनडीए और महागठबंधन के अन्य घटक दल भी मैदान में हैं, लेकिन इन 51 सीटों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है।
मुख्य मुकाबला
भाजपा इस बार 101 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है, वहीं राजद 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है। इनमें से 51 सीटों पर सीधे भाजपा और राजद आमने-सामने हैं। बाकी सीटों पर भाजपा की चुनौती महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों से है, जबकि राजद भी 91 सीटों पर एनडीए के घटक दलों—जैसे जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और वीआईपी—से मुकाबला कर रही है।
प्रतिष्ठा की लड़ाई
इन 51 सीटों में कई ऐसे स्थल शामिल हैं, जो हाई-प्रोफाइल माने जाते हैं। विशेष रूप से राघोपुर और तारापुर सीटें सुर्खियों में हैं। राघोपुर से तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में हैं, जबकि तारापुर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का राजनीतिक क्षेत्र है। दोनों सीटों पर भाजपा और राजद के बीच आमने-सामने मुकाबला होने से चुनावी माहौल खासा गर्म है।
भाजपा के दिग्गज प्रत्याशी
भाजपा की ओर से दो पूर्व सांसद भी इस बार विधानसभा चुनाव में उतर रहे हैं। रामकृपाल यादव (दानापुर) और सुनील कुमार पिंटू (सीतामढ़ी) दोनों की टक्कर राजद के उम्मीदवारों से सीधे है।
2020 की तुलना में मुकाबला कड़ा
पिछले विधानसभा चुनाव में राजद ने 75 और भाजपा ने 74 सीटें जीती थीं। दोनों दलों के प्रदर्शन को देखते हुए इस बार की 51 सीधी टक्कर वाली सीटों पर राजनीतिक निगाहें टिकी हैं। परिणाम आने के बाद ही यह साफ होगा कि कौन किसके आगे है।
51 टक्कर वाली सीटें
मधुबन, मोतिहारी, ढाका, परिहार, सीतामढ़ी, खजौली, बिस्फी, राजनगर (अजा), छातापुर, नरपतगंज, प्राणपुर, केवटी, कुढ़नी, साहेबगंज, बैकुंठपुर, सीवान, गोरियाकोठी, तरैया, अमनौर, हाजीपुर, लालगंज, पातेपुर (अजा), मोहिउद्दीनगर, कटोरिया, तारापुर, मुंगेर, बांकीपुर, दानापुर, बड़हरा, गुरुआ, वारिसलीगंज, जमुई, अलीनगर, बनियापुर, छपरा, सोनपुर, बाढ़, शाहपुर, रामनगर (अजा), नरकटियागंज, हरसिद्धि (अजा), कल्याणपुर, चिरैया, कोचाधामन, बायसी, राघोपुर, पीरपैंती (अजा), रामगढ़, मोहनियां, भभुआ, गोह।
प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर प्रभाव
ये सीटें उत्तर बिहार, सीमांचल और मगध क्षेत्र तक फैली हैं। इसलिए इन पर मुकाबला केवल उम्मीदवारों का नहीं, बल्कि राज्य के सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों का भी है। भाजपा के लिए इन सीटों पर जीत सत्ता हासिल करने की राह आसान बना सकती है, वहीं राजद के लिए यह लड़ाई अपने प्रदेश में सबसे बड़े दल की स्थिति बनाए रखने की परीक्षा है।