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झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति की सभा सम्पन्न, सरकार से बांग्ला भाषा शिक्षा बहाली की मांग

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आज दिनांक 19 जुलाई 2025 को झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति की एक महत्वपूर्ण सभा श्री पार्थ सारथी दत्त की अध्यक्षता में चिरागोड़ा, हीरापुर स्थित श्री गोविंदो ठाकुर के आवास पर सम्पन्न हुई। इस सभा में समिति के सभी सदस्यों ने झारखंड में बांग्ला भाषा की उपेक्षा और वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड के मूल वासियों की सांस्कृतिक और पारंपरिक भाषा बांग्ला रही है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप बताया कि पहले बैशाख और ज्येष्ठ महीनों में रामायण और महाभारत का पाठ बांग्ला में ही होता था तथा शादी-विवाह जैसे आयोजनों में भी दिन व तिथि का उल्लेख बांग्ला पंचांग के अनुसार होता था

समिति ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार की उपेक्षा के कारण राज्य के किसी भी विद्यालय में बांग्ला भाषा की पढ़ाई नहीं हो रही है, न ही बांग्ला पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं, और न ही बांग्ला विषय के शिक्षक-शिक्षिकाओं की नियुक्ति की जा रही है। यह स्थिति राज्य की भाषायी विविधता के लिए अत्यंत खतरनाक है और मूलवासी समुदाय की पहचान के विरुद्ध है।

सभा में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने जल्द ही बांग्ला भाषा से संबंधित मांगों पर निर्णय नहीं लिया, तो झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

इस अवसर पर सभा में श्री सुजीत रंजन मुखर्जी, शिबु चक्रवर्ती, ज्यामिनी पाल, अशोक कुमार पाल, भबानी बेनर्जी, तरुण गोस्वामी, श्यामल राय सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे।

सभा का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि बांग्ला भाषा के सम्मान और अधिकार की लड़ाई को राज्यस्तर पर मजबूती से लड़ा जाएगा।

कुसुम न्यूज़ रिपोर्ट

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