आज दिनांक 14 जुलाई को झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति का एक सभा सुजीत रंजन मुखर्जी के अध्यक्षता में मैनेटांड, धनबाद में हुआ, इस सभा में सभी वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में 24 जिला में से 22 जिला में आज भी गांव के लोग अपनी मातृ भाषा के लिए लगातार संघर्ष कर रहे है, क्योंकि गांव में आज भी टुसू, भादू, जितिया, कर्मा, एवं बंगालियों का 12 महीना में 13 पर्व को बांग्ला में ही मनाए जाते हैं, और इस बिंदु को लेकर संस्थापक बेंगू ठाकुर पिछले 26 सालों से गांव से लेकर शहर तक लगातार आंदोलन कर रहे है, 2011 में अम्बोना रेलवे स्टेशन में जब रेल का चक्का जाम किए थे उस समय गांव के ही महिला पुरुष झाड़ू लेकर रेल का चक्का जाम किए थे, 2012 में गोविंदपुर के देवली में जी-टी रोड को लग-भग 4 घंटा गांव के 26 जातियों का महिलाओं ने संस्थापक के साथ जी-टी रोड को जाम कर दिए थे, इस दोनो आंदोलन का प्रतिफल पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने बांग्ला भाषा को झारखंड का दैत्यों राज भाषा गजट में पारित किए थे, धनबाद के धैया में 9 जून 2023 को एक बंगाली दमपति राणा दास मानसि दास को माफिया ततो ने कुचल कर मार दिया था इसका आवाज संस्थापक ने ही उठाए थे, आज के बैठक में सभी वक्ताओं ने निर्णय लिया कि अगस्त महीना में झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति अपनी मातृ भाषा का बचाने के लिए एक जोर-दार आंदोलन करेंगे और वो आंदोलन आर-पार की होगी,
आज के बैठक में प्रदेश के उपाध्यक्ष भवानी बनर्जी, गोविन्दो ठाकुर, शामल राय, अशोक पाल, अनिल कुंभकार, पप्पू सूत्रधर, शिबू चक्रवर्ती, तरुण गोस्वामी, सपन चैटर्जी, छोनंदा गोराई, मामोनी सेन, काजोल ठाकुर, मानसी चैटर्जी आदि लोग उपस्थित थे
