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बिहार के स्वाभिमानी अउर मेहनती भाई-बहन आप सबै के प्रणाम।-मोदी जी का अभिभाषण

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बिहार के राज्यपाल श्रीमान आरिफ मोहम्मद ख़ान जी, हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी श्री जीतन राम मांझी जी, ललन सिंह जी, गिरिराज सिंह जी, चिराग पासवान जी, नित्यानंद राय जी, सतीश चंद्र दुबे जी, राजभूषण चौधरी जी, राज्य के उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी जी, विजय कुमार सिन्हा जी, उपस्थित अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण और बिहार के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!

आज मुझे इस पवित्र भूमि पर बिहार के विकास को नई गति देने का सौभाग्य मिला है। यहां करीब-करीब 50 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। आप सब बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए हैं, आपका ये स्नेह, बिहार का ये प्यार, मैं इसे हमेशा सर-आँखों पर रखता हूँ। और आज बिहार में इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों का आना, ये अपने आप में बिहार के मेरे इतने कार्यक्रमों की ये सबसे बड़ी शानदार घटना है। मैं माताओं-बहनों को विशेष प्रणाम करता हूं। मैं आप सभी जनता-जनार्दन का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

सासाराम की इस धरती के तो नाम में भी राम है, सासाराम। सासाराम के लोग जानते हैं, भगवान राम और उनके कुल की रीति क्या थी, प्राण जाए पर वचन न जाई। यानी, जो वचन एक बार दे दिया, वो पूरा होकर के ही रहता है। प्रभु श्रीराम की ये रीति अब नए भारत की नीति बन गई है। अभी पहलगाम में, जम्मू कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था, हमारे कितने निर्दोष नागरिक मारे गए, इस जघन्य आतंकी हमले के बाद, एक दिन के बाद मैं बिहार आया था, और मैंने बिहार की धरती से देश को वादा किया था, वचन दिया था, बिहार की धरती पर, आंख में आंख मिलाकर हमने कह दिया था, आतंक के आकाओं के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, बिहार की इस धरती पर मैंने कहा था, उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा होगी। आज जब मैं बिहार आया हूं, तो अपना वचन पूरा करने के बाद आया हूं। जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया है। भारत की बेटियों के सिंदूर की शक्ति क्या होती है, ये पाकिस्तान ने भी देखा, और दुनिया ने भी देखा। जिस पाकिस्तानी सेना की छत्रछाया में आतंकी खुद को सुरक्षित मानते थे, हमारी सेनाओं ने एक ही झटके में उनको भी घुटनों पर ला दिया। पाकिस्तान के एयरबेस, उनके सैन्य ठिकाने, हमने कुछ ही मिनट में तबाह कर दिए, ये नया भारत है, ये नए भारत की ताकत है।

बिहार के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों,

ये हमारा बिहार वीर कुंवर सिंह जी की धरती है। यहाँ के हजारों नौजवान देश की सुरक्षा के लिए सेना में, BSF में अपनी जवानी खपा देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर में, दुनिया ने हमारी BSF का भी अभूतपूर्व पराक्रम और अदम्य साहस देखा है। हमारी सीमाओं पर तैनात BSF के जांबाज सुरक्षा की अभेद्य चट्टान है, मां भारती की रक्षा हमारे BSF के जवानों के लिए सर्वोपरि है। और यही मातृभूमि की सेवा का पवित्र कर्तव्य निभाते हुए, 10 मई को सीमा पर BSF सब इंस्पेक्टर इम्तियाज़ शहीद हो गए थे। मैं बिहार के इस वीर बेटे को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूँ। और मैं आज बिहार की धरती से फिर दोहराना चाहता हूँ, ऑपरेशन सिंदूर में भारत की जो ताकत दुश्मन ने देखी है, लेकिन दुश्मन समझ लें, ये तो हमारे तरकश का केवल एक ही तीर है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रुकी है, न थमी है। आतंक का फन अगर फिर उठेगा, तो भारत उसे बिल से खींचकर कुचलने का काम करेगा।

साथियों,

हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है, फिर वो चाहे सीमा पार हो, या देश के भीतर हो। बीते वर्षों में हमने हिंसा और अशांति फैलाने वालों का कैसे खात्मा किया है, बिहार के लोग इसके साक्षी हैं। आप याद करिए, कुछ साल पहले तक सासाराम, कैमूर, और आसपास के इन जिलों में क्या हालात थे? नक्सलवाद कैसे हावी था, मुंह पर नकाब लगाए, हाथों में बंदूक थामे, नक्सली कब-कहाँ सड़कों पर निकल आयें, हर किसी को ये खौफ रहता था। सरकारी योजना आती थी, पर नागरिकों तक पहुंचती ही नहीं थी। नक्सल प्रभावित गांव में न तो अस्पताल होता था, न मोबाइल टावर। कभी स्कूल जलाए जाते थे, कभी सड़क बनाने वालों को मार दिया जाता था। इन लोगों का बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर कोई विश्वास नहीं था। नीतीश जी ने उन परिस्थितियों में भी यहां विकास की पूरी कोशिश की। 2014 के बाद से हमने इस दिशा में और तेजी से काम किया। हमने माओवादियों को उनके किए की सजा देनी शुरू की। हम युवाओं को विकास की मुख्यधारा में भी लेकर आए। 11 सालों की दृढ़ प्रतिज्ञा का फल आज देश को मिलना शुरू हुआ है। 2014 से पहले देश में सवा सौ से ज़्यादा ज़िले नक्सल प्रभावित थे, अब सिर्फ, सवा सौ से ज़्यादा, अब सिर्फ 18 जिले नक्सल प्रभावित बचे हैं। अब सरकार सड़क भी दे रही है, रोजगार भी दे रही है। वो दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा, शांति, सुरक्षा, शिक्षा और विकास गाँव-गाँव तक बिना रुकावट के पहुंचेंगे।

साथियों,

जब सुरक्षा और शांति आती है, तभी विकास के नए रास्ते खुलते हैं। यहां नीतीश जी के नेतृत्व में जब जंगलराज वाली सरकार की विदाई हुई, तो बिहार भी प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने लगा है। टूटे हाईवे, खराब रेलवे, गिनी-चुनी फ्लाइट कनेक्टिविटी, वो दौर अब इतिहास बन चुका है, पीछे छूट रहा है।

साथियों,

कभी बिहार में एक ही एयरपोर्ट था– पटना। आज दरभंगा एयरपोर्ट भी शुरू हो गया है। अब यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों की फ्लाइट मिलती है। बिहार के लोगों की लंबे समय से मांग थी कि पटना एयरपोर्ट के टर्मिनल को आधुनिक बनाया जाए, अब ये मांग भी पूरी हो गई है। कल शाम मुझे पटना एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। ये नया टर्मिनल अब 1 करोड़ यात्रियों को संभाल सकता है। बिहटा एयरपोर्ट पर भी 1400 करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है।

साथियों,

बिहार में आज हर तरफ फोर लेन और सिक्स लेन सड़कों का जाल बिछ रहा है। पटना से बक्सर, गयाजी से डोभी, पटना से बोधगया जी, पटना–आरा–सासाराम ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, हर तरफ तेजी से काम हो रहा है। गंगा, सोन, गंडक, कोसी समेत सभी प्रमुख नदियों पर नए पुल बनाए जा रहे हैं। हजारों करोड़ की ऐसी परियोजनाएं बिहार में नए अवसरों और संभावनाओं का निर्माण कर रही हैं। इन प्रोजेक्ट्स से हजारों युवाओं को रोज़गार मिलेगा। यहाँ टूरिज्म और व्यापार दोनों को फायदा होगा।

साथियों,

बिहार में रेलवे की हालत भी अब तेजी से बदल रही है। आज बिहार में वर्ल्ड क्लास वंदेभारत ट्रेनें चल रही हैं, रेलवे लाइनों को डबल और ट्रिपल किया जा रहा है, छपरा, मुज़फ्फरपुर, कटिहार जैसे इलाकों में काम तेज़ी से चल रहा है। सोन-नगर और अंडाल के बीच मल्टीट्रैकिंग का काम चल रहा है, जिससे ट्रेनों का आना-जाना तेज होगा। सासाराम में भी अब 100 से ज़्यादा ट्रेनें रुकती हैं। यानी, हम पुरानी समस्याओं को भी दूर कर रहे हैं, और रेलवे का आधुनिकीकरण भी कर रहे हैं।

भाइयों-बहनों,

ये काम पहले भी हो सकते थे। लेकिन, जिनके ऊपर बिहार को आधुनिक ट्रेनें देने की ज़िम्मेदारी थी, उन्होंने रेलवे में भर्ती के नाम पर आपकी जमीन लूटने का काम किया है, गरीबों की जमीन लिखवा ली, सामाजिक न्याय के उनके यही तरीके थे, गरीब को लूटना, उनके अधिकारों को लूटना, उनकी मजबूरी का फायदा उठाना, और फिर राजाशाही की मौज करना। बिहार के आप लोगों को जंगलराज वालों के झूठ और धोखे, उससे आगे भी सावधान रहना बहुत जरूरी है।

साथियों,

बिजली के बिना विकास अधूरा है। जब बिजली होती है, तो औद्योगिक विकास होता है, जब बिजली होती है, तो जीवन आसान होता है। और 21वीं सदी तो टेक्नोलॉजी से दौड़ने वाली सदी है। इसलिए डगर-डगर पर बिजली की जरूरत रहने वाली है। बीते वर्षों में, बिहार में बिजली उत्पादन पर बहुत जोर दिया गया है। आज बिहार में बिजली की खपत 10 साल पहले से 4 गुना हो गई है। नबीनगर में NTPC का बड़ा पावर प्रोजेक्ट बन रहा है, इस पर 30 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे बिहार को 1500 मेगावाट बिजली मिलेगी। बक्सर और पीरपैंती में भी नए थर्मल पावर प्लांट शुरू हो जाएंगे।

भाइयों-बहनों,

अब हमारा ध्यान भविष्य की ओर है। हमें बिहार को ग्रीन एनर्जी की ओर लेकर जाना है। और इसलिए, कजरा में सोलर पार्क का निर्माण भी हो रहा है। पीएम-कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा से किसानों को कमाई के विकल्प दिये जा रहे हैं। रिन्यूएबल एग्रीकल्चर फीडर से खेतों को बिजली मिल रही है। हमारे इन प्रयासों का असर है, कि यहाँ लोगों का जीवन बेहतर हुआ है। महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं।

साथियों,

जब राज्य में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर आता है, तो सबसे ज्यादा लाभ गाँव, गरीब, किसान और छोटे उद्योगों को होता है। क्योंकि, वो देश विदेश के बड़े बाज़ारों से जुड़ पाते हैं। प्रदेश में नया निवेश आता है, तो नए अवसर बनते हैं। आप देखिए, पिछले साल हुई बिहार बिजनेस समिट में बड़ी संख्या में कंपनियां यहां निवेश के लिए आगे आईं, जब राज्य में उद्योग आता है, तो लोगों को मजदूरी के लिए पलायन नहीं करना पड़ता, किसानों को भी नए विकल्प मिलते हैं। यातायात की सुविधाएं सुधरने से उनकी उपज भी दूर-दूर तक जा पाती हैं।

भाइयों-बहनों,

हमारी सरकार बिहार के किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। यहां 75 लाख से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत आर्थिक सहायता मिल रही है। हमारी सरकार ने मखाना बोर्ड की घोषणा की है। हमने बिहार के मखानों को जीआई टैग दिया, इससे मखाना किसानों को बहुत लाभ हुआ है। इस साल के बजट में हमने बिहार में फूड प्रोसेसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट का भी ऐलान किया है। अभी दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने खरीफ के मौसम के, उसके लिए धान समेत 14 फसलों की MSP बढ़ाने को मंजूरी दी है। इससे किसानों को अपनी फसलों का बेहतर दाम मिलेगा और आमदनी भी बढ़ेगी।

साथियों,

जिन लोगों ने बिहार को सबसे ज्यादा ठगा, जिनके दौर में बिहार के गरीब और वंचित तबके को बिहार छोड़कर जाना पड़ा, आज वही लोग सत्ता पाने के लिए सामाजिक न्याय का झूठ बोल रहे हैं। दशकों तक बिहार के दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के पास शौचालय तक नहीं था, दशकों तक हमारे इन भाई-बहनों के पास बैंक में खाता नहीं थे, उन्होंने बैंकों में, उनके लिए तो एंट्री बंद थी, दरवाजे तक भी घुसने नहीं दिया जाता था। दलित और पिछड़ा वर्ग के ही सबसे ज्यादा लोग झुग्गी-झोपड़ी में जीवन गुजारा करते थे, उनके पास पक्का घर तक नहीं था, वे बेघर थे, करोड़ों लोगों के सर पर छत तक नहीं थी। मैं आपसे पूछता हूँ, बिहार के लोगों की ये दुर्दशा, ये पीड़ा, ये तकलीफ, क्या ये काँग्रेस और आरजेडी का, क्या यही सामाजिक न्याय था? गरीबों को इस प्रकार से मजबूरी में जीने के लिए सारी नीतियां बनाने के आदी लोग, साथियों इससे ज्यादा अन्याय कोई नहीं हो सकता है। कांग्रेस और आरजेडी वालों, इन्होंने कभी दलित, पिछड़ों की इतनी तकलीफ़ों की चिंता तक नहीं की। ये लोग विदेशियों को बिहार की गरीबी दिखाने के लिए घुमाने लाते थे। अब जब दलित, वंचित और पिछड़ा समाज ने कांग्रेस को उसके पापों की वजह से छोड़ दिया है, तो इन्हें अपना अस्तित्व बचाने के लिए सामाजिक न्याय की बातें याद आ रही हैं।

भाइयों-बहनों,

बिहार में, और देश में सामाजिक न्याय का नया सवेरा एनडीए के दौर में दिखा है। हमने गरीब तक जीवन से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई हैं। हम इन सुविधाओं को शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। चार करोड़ नए मकान, 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का मिशन, 12 करोड़ से ज्यादा घरों में नल का कनेक्शन, 70 साल से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज, हर महीने मुफ्त राशन की सुविधा, हमारी सरकार हर गरीब और जरूरतमंद के साथ खड़ी है।

साथियों,

हम चाहते हैं कि कोई भी गांव छूटे नहीं, कोई भी हकदार परिवार सरकार की योजनाओं से वंचित न रह जाए। मुझे खुशी है, इसी सोच के साथ बिहार सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर समग्र सेवा अभियान शुरू किया है। इस अभियान में 22 ज़रूरी योजनाएं एक साथ लेकर सरकार गांव-गांव, टोला-टोला पहुँच रही है। हमारा लक्ष्य है– हर दलित, महादलित, पिछड़े, अति-पिछड़े गरीब के घर तक सीधे पहुंचना। मुझे बताया गया है कि अब तक 30 हज़ार से ज़्यादा कैंप लग चुके हैं, लाखों लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं। जब सरकार खुद लाभार्थियों तक पहुंचती है, तो ना कोई भेदभाव होता है, और ना ही कोई भ्रष्टाचार होता है। और तभी सच्चा-सामाजिक न्याय होता है।

साथियों,

हमें हमारे बिहार को बाबा साहब अंबेडकर, कर्पूरी ठाकुर, बाबू जगजीवन राम और जेपी के सपनों का बिहार बनाना है। हमारा लक्ष्य है- विकसित बिहार, विकसित भारत! क्योंकि, जब-जब बिहार ने प्रगति की है, भारत दुनिया में शिखर पर पहुंचा है। मुझे विश्वास है, हम सब मिलकर विकास की रफ्तार को और आगे बढ़ाएंगे। मैं एक बार फिर आप सबको इन विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके, मुट्ठी बंद करके बोलिए-

भारत माता की जय।

आवाज दूर-दूर तक पहुंचनी चाहिए। सीमा पर खड़े हमारे जवान का सीना चौड़ा हो जाना चाहिए।

भारत माता की जय। भारत माता की जय।

भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद

kusum news team

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