धनबाद: सोमवार को देशभर में बट सावित्री पूजा श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई गई। यह पर्व विशेष रूप से विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और वटवृक्ष (बड़ के पेड़) की पूजा करती हैं।
बट सावित्री व्रत की मान्यता महाभारत काल की पवित्र कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान का जीवन वापस मांग लिया था। इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, पारंपरिक वस्त्रों में सजकर सुहाग की सभी निशानियों जैसे सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि के साथ वटवृक्ष की पूजा करती हैं और कच्चा धागा (सूत्र) पेड़ के चारों ओर लपेटकर परिक्रमा करती हैं।
जे.सी. मल्लिक रोड के निवासी बट सावित्री व्रती अलका दास ने बताया कि आज पूजन के पश्चात अपने घर लौटकर पति के पैर धोकर आशीर्वाद ली, जिस पंखे से बट वृक्ष को हवा किया गया था उसी पंखे से पति को भी हवा किया और उनके दीर्घायु की कामना की। बट वृक्ष में चढ़ाए गए प्रसाद, चना खिलाकर प्रति का भी व्रत तोड़ा वह भी व्रत में थे और बट देवी से पति की मंगल कामना का आशीर्वाद मांगा।
Gaurav Raj channal head kusum news
