विंटर वैकेशन के लिए न सिर्फ डार्क बल्कि झारखंड के अन्य सजावटी और पश्चिम बंगाल के लोग भी मैथन के 12 द्वीपों को अपने पसंदीदा बर्थ डेस्टिनेशन मान रहे हैं।
झारखंड-बंगाला सीमा पर स्थित मैथन बांध में इन दिनों सैलानियों की पहली पसंद बनी है। विंटर वैकेशन के लिए न सिर्फ डार्क बल्कि झारखंड के अन्य सजावटी और पश्चिम बंगाल के लोग भी मैथन के 12 द्वीपों को अपने पसंदीदा बर्थ डेस्टिनेशन मान रहे हैं।
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इसका प्रमाण है कि यहां प्रतिदिन रेलवे राई सैलानियों की भीड़ होती है। मैथन बांध न सिर्फ अपनी प्राकृतिक छटा के लिए बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों के लिए एक पूरा पैकेज टूर उपलब्ध कराता है।
लोग यहां बार-बार आना चाहते हैं
यहां की भी बेहतरीन व्यवस्था है। रोड व रेलमार्ग से ऑनलाइन सबसे आसान है। साथ ही यहां ऐसी कई जगहें हैं, जहां आप प्रकृति के अद्भुत नजारों के बीच खो सकते हैं। हर बार लोगों को लगता है कि कुछ न कुछ देखना बाकी रह गया है। लोग यहां बार-बार आना चाहते हैं।
मैथन बांध का मनमोहक दृश्य दृश्य को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
यह रेस्टोरेंट के लिए काफी मशहूर है
झारखंड का कश्मीर कहे जाने वाले मैथन बांध का मनमोहक विजुअल्स को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। झारखंड और बंगाल की सीमा पर स्थित मैथन मंदिरों के खूबसूरत स्मारकों को देखने के लिए आप अपने दर्शन के लिए निकलें और कुछ पवित्र स्थानों को अपने परिवार, दोस्तों और साधु-संबंधियों के साथ खींचे चले जाएं।

डैम के बीच मौजूद 12 द्वीपों के आसपास समुद्र तट का आनंद ले रहे हैं
बड़ा द्वीप (चम्मच पर्वत): कभी यहां पर जादू की भीड़ होती थी। इसके बड़े आकार और घने जंगलों को देखा गया अब इस पर जाने से मना कर दिया गया है। सब्तयान से इसे चक्कर लग सकता है या करीबी ग्राहक इसे निहार सकते हैं।
छोटा द्वीप : यहां समरूप भूमि भी है। हरे-भरे पेड़ हैं। यहां 15 मिनट तक का यही निर्देश है।

सबुज द्वीप : इस द्वीप पर एक पार्क सैलानियों के लिए बनाया गया है। इसका हरियाली नाम सबुज द्वीप रखा गया है। यह सबके लिए खुला है। 30 मिनट तक यहां रुका जा सकता है।

31 दिसंबर, 1 जनवरी, 26 जनवरी जैसे भीड़भाड़ वाले दिनों में किसी भी द्वीप पर सांता की सुविधा नाव चालक नहीं देते।
नील द्वीप : यहां लगभग कोई भी समान पेड़ होने के कारण इसे नील (खाली) द्वीप नाम दिया गया है।
बैंग्लो द्वीप : यहां पश्चिम बंगाल सरकार और डीवीसी के रेस्ट हाउस और आवास हैं। यहां अधिकांश अधिकारी वर्ग ही जा सकते हैं। आम लोगों के लिए सीक्रेट डे ही खुला रहता है।
माप द्वीप : इस द्वीप पर भी जाना है मना। अधिक दूरी के कारण भी यहां इक्के-दुक्के नाव वाले को ही स्वीकार किया जाता है। छोड़ना मना है।
नोट: 31 दिसंबर, 1 जनवरी, 26 जनवरी जैसे भीड़भाड़ वाले दिनों में किसी भी द्वीप पर सांता की सुविधा नाव चालक नहीं देते। इस दिन द्वीप का चक्कर ही लगाया जा सकता है। दिनों में भीड़ कम रहती है तो डर में अन्य छूट भी दी जाती है।
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