Breaking News

“मैथन डैम के रघुनाथपुर में दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत मछलियों का अंगुलिकरण, जल संरक्षण व मत्स्य संवर्धन को बढ़ावा”

Share This News

निरसा (Nisra): मैथन डैम स्थित रघुनाथपुर क्षेत्र में शुक्रवार को मछुआरों तथा स्थानीय विस्थापित परिवारों के लिए मत्स्य विभाग द्वारा विशेष फिंगरलिंग स्टॉकिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की निगरानी मत्स्य विभाग के उप निदेशक संजय कुमार गुप्ता और उप निदेशक शंभू प्रसाद यादव ने की।

इस अवसर पर जिला मत्स्य पदाधिकारी उषा किरण, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी धनजीत कुमार, क्षेत्र के किसान और अनेक स्थानीय लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान उप निदेशक शंभू प्रसाद यादव ने बताया कि सरकार की नीति के तहत सभी प्रमुख जलाशयों में प्रतिवर्ष फिंगरलिंग छोड़ी जाती हैं, क्योंकि ऐसे जलाशयों में प्राकृतिक प्रजनन नहीं होता। मछलियाँ जैसे—रेहु, कतला, मृगल, ग्रास कार्प, आईएमसी—इन जलाशयों में अंडे नहीं देतीं, इसलिए बीज को बाहर से लाना अनिवार्य हो जाता है।

उन्होंने जानकारी दी कि मैथन डैम में इस वर्ष ग्रास कार्प और आईएमसी प्रजाति की फिंगरलिंग छोड़ी गई हैं।
रघुनाथपुर क्षेत्र के 24 किसान आईएमसी और 3 किसान ग्रास कार्प बीज उत्पादन से जुड़े हैं। किसानों द्वारा तैयार की गई फिंगरलिंग को विभाग अनुदान पर दिए गए स्पॉन से तैयार कर खरीदता है।

इस बार लगभग 12 लाख आईएमसी और 1.5 लाख ग्रास कार्प फिंगरलिंग जलाशय में छोड़ी गईं।
वर्तमान में खरीद दर 75 पैसे प्रति फिंगरलिंग है, लेकिन बड़े आकार की फिंगरिंग के लिए दर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

उप निदेशक ने बताया कि धनबाद जिले का कुल लक्ष्य 42 लाख फिंगरलिंग स्टॉकिंग का है, जिसमें मैथन व पंचेत जलाशय के साथ तीन छोटे जलाशय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यदि नियमित रूप से फिंगरलिंग नहीं छोड़ी जाएँगी, तो एक समय के बाद जलाशयों में मछलियों की संख्या समाप्त हो सकती है। इसलिए हर वर्ष बीज डालना और मछुआरों द्वारा नियंत्रित तरीके से फिशिंग करना आवश्यक है।

कुसुम न्यूज़ से निशा की रिपोट

Leave a comment