होटल व्यवसायी राजेश यादव का नेतृत्व टीम बंगाल में किया गया था।
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक से उद्यम प्रबंधक दिलीप दास के बैंक खाते से पिछले साल अक्टूबर में 24 लाख रुपये के रुपये कुमार ने साइबर ज्वैलरी के लिए उड़ान भरी थी। इस मामले में पलामू के साइबर थाने की टीम ने साइबर अपराधी रंजीत मैती को उसके घर पश्चिम बंगाल के मध्यपुर जिले में रखा था
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गिरफ़्तार रंजीत ने अलग-अलग संप्रदायों में दो क़ीमती बैंक खाते रखे हुए हैं। अपने बैंक खाते को यह साइबर होटल किराए पर देता है। बिजनेसमैन बैंक मैनेजर के खाते में 100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था।
एक महीने पहले बनारस से गिरफ्तार हुआ था अनिमेष दलाई
होटल व्यवसायी राजेश यादव का नेतृत्व टीम बंगाल में किया गया था। रंजीत ने पूछताछ में बताया कि बंगाल के शिवम सुंदर भंडारी, अबू बकर, अनिमेष दलाई और जामताड़ा के अरशद अनुसंधानकर्ता के साथ मिलकर साइबर गिरोह का हिस्सा हैं। इस कांड में अनिमेष दलाई को एक माह पहले सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था।
फैक्ट्री कार्ट का कस्टमर कैर नंबर समझकर फोन किया गया
डेज़ी ब्रांच मैनेजर दास ने पिछले साल 9 अक्टूबर को बाइक से ईयर बिल ऑर्डर किया था। 13 अक्टूबर तक ईयरबड नहीं आया तो उन्होंने इलेक्ट्रिक कार्ट का कस्टमर केयर नंबर समझकर फोन किया तो साइबर अपराधी को फोन लग गया। फ्रॉड ने दास डेस्क से अकाउंट में पैसा जोड़ने के लिए कहा और उन्हें फोन पर हेल्प एप डाउनलोड कराया। फिर उनका फोन हैक कर लिया गया। 14 अक्टूबर को दास को पता चला कि उनके खाते से 24 लाख रुपये निकाले गए हैं।