मंगलवार को ही रात में बच्ची को वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
गुजरात में भरूच जिले के जांगिया जी की डॉक्युमेंट्री और उसके बाद हैवानियत का शिकार हुई 10 साल की बच्ची आखिरी जिंदगी की जंग हार गई। बच्ची को मंगलवार को भरूच से वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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आंतरिक अंगों में गंभीर चोट लगने से उनकी तीन सर्जरी की गईं। बच्ची से यह हैवानियत उसके बचे हुए हिस्से में रहने वाले 36 साल पहले की थी। पुलिस ने अनाथ को गिरफ्तार कर लिया है।
एक माह पहले भी बच्ची का रेप कर भुगतान किया गया था मैसाचुसेट्स, दूसरी बार की हैवानियत
इसी जगह 16 दिसंबर की शाम को 10 साल की बच्ची का शिकार हुआ था।
भरूच शहर के इंडिस्ट्रक्शनल एरिया जी डॉर्बीज के पास झगडिया एक वीरान आवासीय है, जहां कच्चे छोटे-छोटे मकानों में काफी संख्या में मजूदर वर्ग रहते हैं। यहां रहने वाले ज्यादातर मजदूर दूसरे राज्यों के हैं।
वृद्ध और पीड़ित परिवार भी झारखंड में रहते हैं। पीड़ित परिवार करीब 7 महीने पहले ही झारखंड से यहां माट के लिए आया था। निवेश के ही एक कमरे में मैसाचुसेट्स विक्ट्री असैनिट भी रहता था। एक माह पहले भी बालिका गृह में सहमति पत्र का भुगतान किया गया था।
बच्ची ने यह बात अपने माता-पिता को बताई थी, लेकिन बदनामी के डर से माता-पिता ने साथ-साथ रखा और इसी तरह का नतीजा यह हुआ कि बच्ची ने दूसरी बार मौके ही हैवानियत की सारी हदें पार कर ली।
बुज़ुर्ग ने न सिर्फ बच्ची के मुंह पर वार किया, बल्कि अपार्टमेंट के बाद उसके प्राइवेट पार्ट में आयरन की रॉड भी डाल दी थी। बच्ची को गंभीर आंतरिक पासपोर्ट आई हुई थी, जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। अगर माता-पिता ने पहले ही बच्चे को पीछे छोड़ दिया होता तो आज बच्चा जिंदा होता।

दीवार पर खून के धब्बे, बच्ची कुछ देर इसी का सहारा लेकर खड़ी हुई थी।
बच्ची का हाल देखकर मैं आश्वस्त हूं: डॉक्टर भरूच में बच्ची का इलाज करने वाली डॉ. लेक सेठ ने कहा- बच्ची का हाल देखकर मैं आश्वस्त हूं। बेसुध अवस्था में उसके साथ हेवानियत की गई। उनके गंभीर घाव देखकर ‘निर्भया केस’ की याद आ गई।
उन्होंने कहा कि मैंने सात साल तक अपने करियर में ऐसा गंभीर मामला नहीं देखा। बच्ची के स्वास्थ्य और उपचार का लगातार अद्यतन ले रही थी। काफी ब्लीडिंग की शुरुआत से ही उसकी हालत खराब हो गई थी।

भरूच के इंडस्ट्रियल एरिया जी डॉक्युमेंट्री के पास झगड़िया इलाके के इस शेड में रहते थे मासूम।
मूल निवासी भी झारखंड का रहने वाला है वसीयत का खुलासा होने पर लड़की के माता-पिता ने उसका नाम विजया पासवान रखा। जब पुलिस मशीनरी पर हमला किया तो विजय साइंट इलाके में ही मौजूद था। पुलिस ने उस पर पकड़ बनाई और पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म समझ लिया।
नाबालिग लड़की के कमरे के ठीक पीछे एक कमरे में रह रही थी। वह मूल रूप से झारखंड में रहती हैं और उनकी दो बेटियां भी हैं। पत्नी और बेटियाँ बाज़ार में रहती हैं।

बुज़ुर्ग की दो बेटियाँ भी हैं। पत्नी और बेटियाँ बाज़ार में रहती हैं।
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घटना स्थल पर खून के धब्बे।
भास्कर से बातचीत में बच्ची के बगल वाले कमरे में रहने वाले टेकराम कुमार ने बताया कि शाम करीब साढ़े छह बजे से शाम 5 बजे के बीच यह घटना हुई थी। मैं रात का खाना बना रहा था तभी मैंने बच्चे के रोने की बात कही। माँ…माँ…की आवाज आई। पूरी खबर पढ़ें…