धनबाद, 9 दिसंबर 2024: झारखंड के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान आईआईटी-आईएसएम ने रविवार को अपना 99वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। समारोह में कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद और दुर्गापुर बर्नपुर सेल निदेशक विजिंदर प्रताप सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
राज्यपाल को मिला गार्ड ऑफ ऑनर
आईआईटी-आईएसएम पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से राज्यपाल संतोष गंगवार को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कार्यक्रम के दौरान आईआईटी-आईएसएम के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा, डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार, धनबाद की उपायुक्त माधवी मिश्रा और ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी ने उनका स्वागत किया।
संस्थान के योगदान की सराहना
अपने संबोधन में राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि आईआईटी-आईएसएम देश के विकास में लंबे समय से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान आजादी के पहले से ही माइनिंग और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दे रहा है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि आईआईटी-आईएसएम का इसमें अहम योगदान रहेगा।उन्होंने महिलाओं को माइनिंग क्षेत्र में आगे आने की अपील की और कहा कि यह संस्थान महिलाओं के लिए अवसरों के नए द्वार खोल सकता है। राज्यपाल ने पूर्ववर्ती छात्रों को सम्मानित करते हुए संस्थान की उपलब्धियों की सराहना की और छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करने की सलाह दी।
संस्थान की 100वें वर्ष में प्रवेश की तैयारी
आईआईटी-आईएसएम की स्थापना 9 दिसंबर 1926 को हुई थी। यह संस्थान अब अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने इस अवसर पर संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि संस्थान ने पिछले 99 वर्षों में देश-विदेश में तकनीकी और माइनिंग क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।
कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद और दुर्गापुर बर्नपुर सेल के निदेशक विजिंदर प्रताप सिंह ने भी संस्थान के योगदान की प्रशंसा की और इसे देश के विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र बताया।
संतोष गंगवार (राज्यपाल, झारखंड):”आईआईटी-आईएसएम ने माइनिंग और तकनीकी क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दिया है। महिलाओं को भी इस क्षेत्र में आगे आना चाहिए। प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को पूरा करने में यह संस्थान अहम भूमिका निभाएगा।”
प्रो. श्रवण कुमार (एचओडी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग):”संस्थान लगातार नई तकनीकों पर काम कर रहा है और माइनिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च के माध्यम से समाज की सेवा कर रहा है।”
इस अवसर पर आईआईटी-आईएसएम के छात्र, संकाय सदस्य और गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ संस्थान के इतिहास और उपलब्धियों पर आधारित प्रस्तुतियां भी दी गईं।
आईआईटी-आईएसएम का यह 99वां स्थापना दिवस संस्थान की ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित रहा और इसे भविष्य में मील का पत्थर स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।