रांची, 3 अप्रैल 2025 – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बैंक क्रेडिट लिंकेज से जोड़ने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। 2019 दिसंबर से अब तक कुल 13,659 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है और 2.67 लाख सखी मंडलों को इस योजना से जोड़ा गया है।मुख्यमंत्री की इस पहल से राज्य में 2.91 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिनमें 2019 के बाद 53,293 नए समूह बने हैं। इसके साथ ही क्रेडिट लिंकेज में 14,204 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो पहले मात्र 545.30 करोड़ रुपये थी। इस प्रयास से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आजीविका को मजबूत करने में मदद मिल रही है।
सफलता की कहानियां: कैसे बदली महिलाओं की जिंदगीबोकारो की प्रेमलता देवी बनीं आत्मनिर्भरबोकारो के चंद्रपुरा प्रखंड की प्रेमलता देवी ने जीवन ज्योति आजीविका सखी मंडल से जुड़कर पचास हजार रुपये के ऋण से सिलाई का कार्य शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लाई और ऋण चुकाने के बाद तीस हजार रुपये का नया ऋण लेकर सिलाई केंद्र खोला। अब वह प्रति माह 10 हजार रुपये कमाकर अपने परिवार की जिम्मेदारियां निभा रही हैं।जामताड़ा की किरण झा बनीं सफल उद्यमीनाला प्रखंड की किरण झा ने राधा कृष्ण आजीविका सखी मंडल से जुड़कर पहले आरसेटी (RSETI) से अचार और पापड़ बनाने का प्रशिक्षण लिया। फिर 50,000 रुपये के कैश क्रेडिट लिंकेज से व्यवसाय शुरू किया। आज उनकी सालाना कमाई 1.2 लाख रुपये हो गई है और उन्होंने अन्य महिलाओं को भी इस काम से जोड़ा है। उनके बेटे ने डीडीयूजीकेवाई से प्रशिक्षण लेकर अब सालाना 3.6 लाख रुपये की आय अर्जित कर रहा है, जिससे परिवार खुशहाल हो गया है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदमझारखंड सरकार के प्रयासों से 32 लाख ग्रामीण परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया है। कृषि, पशुपालन, वनोपज, अंडा उत्पादन, जैविक खेती जैसी योजनाओं से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।तकनीकी रूप से सक्षम हो रहीं महिलाएंराज्य में 85,000 सामुदायिक कैडर को प्रशिक्षित कर बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी, पशु सखी, कृषि सखी, वनोपज मित्र, आजीविका रेशम मित्र जैसी परियोजनाओं से जोड़ा गया है। आधुनिक तकनीक से लैस ये महिलाएं अपने गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण का नया अध्याय लिख रही हैं।वनोउत्पाद से बढ़ी आयझारखंड माइक्रोड्रिप इरिगेशन परियोजना के तहत 31,861 किसानों को टपक सिंचाई तकनीक से जोड़कर उन्नत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल से झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा अवसर मिल रहा है।