2020 में देवा को कोर्ट ने पोस्को एक्ट में दोषी पाया और 20 साल के दोषी की सजा सुनाई गई।
लोयाबाद पुलिस ने मृत जेल से बैलगाड़ी देव को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को यह सफलता करीब साढ़े तीन साल बाद मिली है। जेल से बरामदगी के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। देवा को पुलिस गुप्त सूचना के आधार पर सेन्द्रा 10 नंबर से गिरफ्तार कर रही है
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लोयाबाद के प्रभारी सत्यजीत कुमार ने बताया कि देवा ने जेल से भागने के बाद कई कांडों को भी अंजाम दिया है। कतरास थाना, राजगंज थाना और पूर्वी बसुरिया थाना क्षेत्र में स्थित है। अलग-अलग थाने में दर्ज कांड से जुड़े मामले का खुलासा हुआ है कि देवा आदतन अपराधी है। अब तक देवा पर कुल 9 मामले दर्ज हैं। लोयाबाद थाने में कुल तीन कांड अंकित हैं।
जेल से देवा और अंकित रवानी के अपहरण पर डीएम थाने में धारा 224 के तहत कार्रवाई की गई थी। देवा पर पोस्को एक्ट के तहत कतरास थाना कांड संख्या 216/2020 दर्ज है। डेवा को कोर्ट ने पोस्को एक्ट में दोषी पाया और 20 साल की सजा सुनाई। तब से देवा जेल में बंद था और मौका देखते ही केंदुआ थाना कांड के आरोपी अंकित रवानी के साथ बच्चा हो गया था।
स्मारक और देवा एक जेल के एक ही वार्ड में बंद थे। जेल से निकाले जाने के बाद अंकित ईस्ट बसुरिया स्थित उसके भाई के घर से गिरफ्तार कर लिया गया। अंकित ने पुलिस को बताया कि देवा के साथ मिल कर पहले वार्ड की खिड़की से सलाखें काटती थी।
प्रथम तल स्थित वार्ड के गलियारे से वह नीचे मूर्तियों के साथ आया। जेल में बिजली नहीं रहने का कारण अँधेरा था। देवा के कंधे पर चढ़ कर वह जेल की महिला वार्ड के ऊपर चढ़ गयी। डेटा के लिए हम दोनों ने गमछे का भी सहारा लिया। वहां से दीवार फांद कर दोनों मजदूरबांध की तरफ कूद गये थे।