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पुलिस जनसुनवाई शिविर योजना पहले दिन ही सवालों के घेरे में, पीड़ित परिवार को नहीं मिला न्याय

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धनबाद, 18 दिसंबर 2024: पुलिस प्रशासन द्वारा जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए शुरू की गई जनसुनवाई समाधान शिविर योजना पहले ही दिन ढाक के तीन पात साबित हो रही है। धनबाद के बारह मुड़ी में रास्ते की जमीन कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचे पीड़ित परिवार की समस्या का समाधान नहीं हो पाया, जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।

रास्ते पर जबरन कब्जे का आरोप

पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में हारु गोप से रजिस्ट्री कर जमीन खरीदी थी। उस समय सभी खरीदारों के लिए 10 फीट का रास्ता छोड़ा गया था। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने 2 फीट जमीन छोड़कर मकान भी बनाया, ताकि रास्ता सुचारू रहे। लेकिन अब नेहा जायसवाल उस 10 फीट के रास्ते पर जबरन कब्जा कर रही हैं।

थाना की भूमिका पर गंभीर आरोप

पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस मामले की शिकायत उन्होंने स्थानीय थाना से लेकर अन्य विभागों तक की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने थाने की महिला प्रभारी पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे के बल पर थाने द्वारा उल्टा दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें ही डांट-फटकार कर भगा दिया जाता है।

जनसुनवाई शिविर में भी निराशा

पीड़ित परिवार ने बताया कि वे आज डीजीपी के निर्देश पर आयोजित पहली जनसुनवाई समाधान शिविर में अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे, लेकिन वहां भी अधिकारियों ने केवल देख लेने का आश्वासन दिया और कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

जांच के बिना सुनाया जा रहा फैसला

पीड़ित परिवार का कहना है कि जब मामला थाने पहुंचा तो थानाधिकारी को मामले की जांच करनी चाहिए थी। इसके विपरीत, बिना जांच किए कब्जाधारियों के पक्ष में फैसला सुना दिया गया और पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया जाने लगा।

“पैसे वालों का बोलबाला”पीड़ित परिवार ने निराश होकर कहा कि, “अगर किसी के पास पैसा हो तो कानून और प्रशासन भी खरीदा जा सकता है। यहां सब कुछ बिकता है, बस खरीदार मजबूत होना चाहिए।”

अब सवाल यह उठता है कि…

1. जब डीड (पंजीकृत दस्तावेज) में 10 फीट का रास्ता स्पष्ट रूप से छोड़ा गया है, तो उस जमीन पर कब्जा न्यायसंगत कैसे हो सकता है?2. थाने द्वारा बिना जांच किए कब्जाधारियों के पक्ष में फैसला देना क्या प्रशासनिक लापरवाही नहीं है?3. जनसुनवाई शिविर का उद्देश्य जनता की समस्या का समाधान था या सिर्फ कागजी खानापूर्ति?

पीड़ित परिवार की मांग

पीड़ित परिवार ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और मांग की है कि मामले की सही तरीके से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

न्याय के इंतजार में भटकते लोग

रास्ते की जमीन को लेकर दर-दर भटक रहे पीड़ित परिवार का यह मामला पुलिस प्रशासन की विश्वसनीयता और जनसुनवाई शिविर की सफलता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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