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धनबाद में शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने का अभियान शुरू, तम्बाकू उत्पाद बेचने पर होगी सख्त कार्रवाई

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धनबाद, 18 दिसंबर 2024: जिले के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने और तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 के तहत आज स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) द्वारा दिया गया। कार्यशाला का आयोजन सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस जिला +2 स्कूल के सभागार में किया गया।

तम्बाकू उत्पाद बेचने पर कड़ी सजा का प्रावधान-:कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने बताया कि शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों की बिक्री गैरकानूनी होगी। नियम तोड़ने पर जुर्माना और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है: बच्चों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर ₹1 लाख जुर्माना और 7 साल की जेल होगी।

तम्बाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर-:अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्री आशीष कुमार ने तम्बाकू सेवन को जनस्वास्थ्य के लिए वैश्विक खतरा बताते हुए कहा कि युवाओं और बच्चों को तम्बाकू के दुष्प्रभाव से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों और प्रतिभागियों को तम्बाकू सेवन न करने की शपथ दिलाई।

तम्बाकू से चिंताजनक आंकड़े-:सीड्स के कार्यक्रम समन्वयक श्री रिम्पल झा ने ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में 13-15 वर्ष के 8.5% छात्र तम्बाकू का सेवन करते हैं, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा 5.1% है, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू सेवन से हर साल देश में लगभग 13 लाख मौतें होती हैं।

कार्यशाला में नौ प्रमुख निर्देशों पर चर्चा

कार्यशाला में तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों के दिशा-निर्देशों पर अमल के लिए नौ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई:1. शिक्षण संस्थानों को धूम्रपान और तम्बाकू मुक्त परिसर घोषित करना।2. तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर 100 गज के दायरे में प्रतिबंध लगाना।3. साइनेज बोर्ड पर तम्बाकू निषेध की जानकारी और नोडल पदाधिकारी का संपर्क विवरण प्रदर्शित करना।4. तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों को दर्शाने वाले पोस्टर लगाना।5. छह माह पर तम्बाकू नियंत्रण से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन।6. तम्बाकू मॉनिटर शिक्षक और विद्यार्थियों की नियुक्ति।7. आचार संहिता का विकास करना।8. विद्यालय की बाहरी दीवारों पर पीली रेखा खींचकर तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करना।9. दुकानों पर तम्बाकू बिक्री रोकने के लिए सख्ती से निगरानी करना।

तम्बाकू मुक्त पीढ़ी की ओर कदम

श्री झा ने बताया कि शिक्षण संस्थानों के आस-पास सिगरेट, पान मसाला, जर्दा आदि उत्पादों की बिक्री पर रोक आवश्यक है ताकि छात्रों में तम्बाकू लत न फैल सके। उन्होंने तम्बाकू मुक्त पीढ़ी और तम्बाकू मुक्त गांव बनाने पर विशेष जोर दिया।

कार्यशाला में सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी श्री अशोक कुमार पाण्डेय, जिला स्तरीय शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, चयनित विद्यालयों के प्राचार्य, नोडल शिक्षक और सीड्स झारखंड के क्षेत्रीय समन्वयक श्री भोला पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यशाला का समापन किया गया।

यह अभियान तम्बाकू मुक्त शिक्षा के क्षेत्र में एक सार्थक प्रयास है, जो युवाओं और बच्चों को स्वस्थ भविष्य देने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।

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