गुमला, झारखंड:
गुमला पुलिस को मंगलवार देर रात नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी सफलता मिली है। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के कुख्यात कमांडर और 15 लाख रुपये के इनामी उग्रवादी मार्टिन केरकेट्टा को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के चंगाबाड़ी ऊपरटोली में हुई।
गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक हरिश बिन जमा के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक, एसपी को इनपुट मिला था कि क्षेत्र में PLFI का एक बड़ा उग्रवादी छिपा है। इस इनपुट के बाद एक विशेष सर्च टीम गठित की गई, जिसमें गुमला नक्सल QRT, कामडारा थाना और एक अन्य थाना क्षेत्र की पुलिस शामिल थी।
जैसे ही पुलिस बल चंगाबाड़ी के ऊपरटोली इलाके में पहुंचा, उग्रवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें PLFI कमांडर मार्टिन केरकेट्टा मारा गया। मुठभेड़ स्थल से हथियार और अन्य नक्सली सामग्री भी बरामद की गई है।
कौन था मार्टिन केरकेट्टा?
मार्टिन केरकेट्टा, गुमला के कामडारा प्रखंड स्थित रेड़मा गांव का रहने वाला था। वह PLFI की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य था और राज्य सरकार ने उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
दिनेश गोप के पकड़े जाने के बाद, संगठन की कमान मार्टिन ने संभाल ली थी। खास बात यह है कि मार्टिन और दिनेश गोप बचपन के दोस्त थे और दोनों ने लापुंग के महुगांव स्कूल में साथ पढ़ाई की थी। बाद में दोनों ने मिलकर संगठन को विस्तार दिया और कई उग्रवादी घटनाओं को अंजाम दिया।
बड़ी रणनीतिक कामयाबी:
गुमला पुलिस की यह कार्रवाई PLFI जैसे खूंखार उग्रवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। इससे इलाके में PLFI की गतिविधियों पर निश्चित रूप से लगाम लगेगी और आदिवासी क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
गुमला के पुलिस अधीक्षक हरिश बिन जमा ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है और आगे भी इस तरह के ऑपरेशन चलाए जाते रहेंगे।
झारखंड पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा बलों के बढ़ते मनोबल को दर्शाती है। एक कुख्यात नक्सली कमांडर का अंत न केवल PLFI की कमर तोड़ने जैसा है, बल्कि यह राज्य की शांति और सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक संकेत भी है।
कुसुम न्यूज़ रिपोर्ट