झारखंड की माटी के सच्चे सपूत, झारखंड आंदोलन के पुरोधा और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन को आज नेमरा (गोला, रामगढ़) में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर देश की राजनीति की शीर्ष हस्तियों ने पहुंचकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नेमरा पहुंचकर दिशोम गुरु को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। वे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सोरेन परिवार से भी मिले और दुख की इस घड़ी में संवेदना प्रकट की।
नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन न केवल झारखंड की आत्मा थे, बल्कि देश के सामाजिक न्याय, आदिवासी अधिकारों और संघर्षशील नेतृत्व के प्रतीक थे। उनका त्याग, उनका संघर्ष और उनके आदर्श आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।
राहुल गांधी ने कहा, “दिशोम गुरु का जीवन एक आंदोलन था—आदिवासी अस्मिता, अधिकार और सम्मान के लिए लड़ने वाला आंदोलन।”
तेजस्वी यादव ने भावुक स्वर में कहा, “शिबू जी ने राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया और आदिवासी समाज की आवाज को दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाया।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें “संविधान और संघर्ष के सच्चे प्रहरी” की उपाधि दी।
ईश्वर से प्रार्थना की गई कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति दें।
झारखंड की धरती आज एक युग पुरुष को खोकर शोक में डूबी हुई है। लेकिन दिशोम गुरु का विचार, उनका आंदोलन और उनकी विरासत सदैव अमर रहेगी—हर झारखंडवासी के दिल में, हर आदिवासी की चेतना में।
कुसुम न्यूज़ रिपोर्ट
“दिशोम गुरु शिबू सोरेन को अंतिम विदाई, देश की शीर्ष नेताओं ने दी नम आंखों से श्रद्धांजलि”