धनबाद: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत ने कहा कि रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा साइंस का उपयोग देश में आर्थिक अवसरों को बढ़ा सकता है। डॉ सारस्वत ने सोमवार को IIT-ISM धनबाद के 44वें दीक्षांत समारोह में यह बात कही।
स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ विकास पर जोर-:डॉ वीके सारस्वत ने अपने संबोधन में कहा कि आज की तेजी से बदलती दुनिया में केवल सैद्धांतिक ज्ञान पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यावहारिक समस्याओं का समाधान खोजना होगा। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और इको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा शुरू किए गए मिशन की चर्चा करते हुए इसे पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया।
नवाचार को बनाएं समाज और उद्योग के लिए उपयोगी-:डॉ सारस्वत ने कहा कि नवाचार का उद्देश्य सिर्फ ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि समाज और उद्योग के लिए मूल्यों का निर्माण होना चाहिए। उन्होंने IIT-ISM की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने नवाचार और डिज़ाइन थिंकिंग को प्रोत्साहित करने की दिशा में बेहतर कार्य किया है, जो भारत को वैश्विक तकनीकी चुनौतियों का समाधान देने में सक्षम बनाएगा।
IIT-ISM खनन शिक्षा में कर रहा उल्लेखनीय योगदान-:डॉ वीके सारस्वत ने IIT-ISM के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह संस्थान खनन शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान के संकाय सदस्य हाइड्रोजन भंडारण, कोल-बेड मिथेन, कार्बन कैप्चर और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों जैसे क्षेत्रों में शोध कर रहे हैं, जो भारत को वैश्विक चुनौतियों के समाधान में मदद करेगा।
व्यावहारिक कौशल पर देना होगा ध्यान-:उन्होंने कहा कि संस्थानों को छात्रों के व्यावहारिक कौशल के विकास पर अधिक जोर देना चाहिए, ताकि वे नवाचार के माध्यम से समाज के विकास में योगदान कर सकें।
वैश्विक मंचों पर पहचान बना रहा IIT-ISM-:डॉ सारस्वत ने कहा कि IIT-ISM राष्ट्रीय और वैश्विक मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुका है। ब्रिक्स 2024 शिखर सम्मेलन में भी संस्थान के योगदान का असर देखा गया। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे तकनीकी कौशल के साथ वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
संस्थान की आधुनिक सुविधाएं-:IIT-ISM धनबाद की अत्याधुनिक सुविधाएं और उद्योग-अकादमिक सहयोग छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है। डॉ सारस्वत के संबोधन के दौरान संस्थान के छात्र और संकाय सदस्य मौजूद रहे।
इस आयोजन ने भारत में उभरती तकनीकी संभावनाओं और शिक्षा में नवाचार की दिशा में IIT-ISM धनबाद की भूमिका को और मजबूत किया।