रांची, 13 दिसंबर 2024: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKMM) के नेता जयराम महतो ने राज्य सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने मईयां सम्मान योजना को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि “50 वर्ष की महिलाओं को पैसा देना उचित है, लेकिन युवा बहनों को पैसे देने का मैं विरोध करता हूं।”
सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार
जयराम महतो ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “18 साल की लड़की को 2500 रुपये देंगे तो वो क्या करेगी? फुचका, सिंघाड़ा खाएगी।” उन्होंने सरकार की इस योजना को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए बनाई जाती हैं।
गरीबों और अमीरों के बीच भेदभाव का आरोप
जयराम महतो ने अमीर और गरीबों के बीच बढ़ते असमानता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “माननीयों के बच्चे वनफूल (स्वादिष्ट भोजन) खाएं और गरीबों के बच्चे धूल फांकें, यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि योजनाएं केवल गरीब जनता को सीमित लाभ देकर उनका हक छीनने का प्रयास कर रही हैं।
युवा वर्ग के लिए ठोस योजना की मांग
महतो ने सरकार से सवाल किया कि युवाओं को 2500 रुपये देने की बजाय उनके लिए शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास की योजनाएं क्यों नहीं बनाई जातीं? उन्होंने कहा, “अगर सरकार को वाकई में युवाओं की चिंता है, तो उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए, न कि कुछ पैसों में उनका भविष्य गिरवी रखना चाहिए।”
अपने आक्रामक भाषण के अंत में जयराम महतो ने कहा कि वे गरीबों और वंचित वर्ग के हक के लिए लड़ते रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो जनता सड़कों पर उतरकर इसका जवाब देगी।
राजनीतिक माहौल गरमाया
जयराम महतो के इस बयान से राज्य की सियासत में हलचल मच गई है। जहां उनके समर्थकों ने इस बयान को गरीबों के हित में बताया है, वहीं सरकार पर दबाव बढ़ता दिख रहा है। आने वाले समय में यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
जयराम महतो का यह बयान सरकार की योजनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। युवा वर्ग के लिए ठोस नीतियों की मांग ने झारखंड की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।