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एक बार फिर साथ दिखे रवि किशन और तेज प्रताप, BJP सांसद बोले— ‘संगे शंखनाद होई’

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तेज प्रताप और रवि किशन की लगातार दो दिन मुलाकात, सियासी हलचल तेज— BJP सांसद बोले: “अब संगही शंखनाद होए”

बिहार (BIHAR): विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया और नतीजों का दिन नज़दीक है, लेकिन उससे पहले ही लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक इंटरव्यू में यह संकेत दे दिया था कि उनकी राष्ट्रीय जनता दल में वापसी की कोई संभावना नहीं है। इसी बीच शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट पर उनकी मुलाकात BJP सांसद व भोजपुरी स्टार रवि किशन से हुई, जिसने राजनीतिक चर्चाओं का माहौल गर्म कर दिया।

हालाँकि राजनीतिक हलकों में इस भेंट की चर्चा अभी चल ही रही थी कि शनिवार को दोनों एक बार फिर पटना एयरपोर्ट पर आमने-सामने आ गए। मीडिया ने दोनों नेताओं को घेरकर सवाल किए, जिस पर रवि किशन ने हँसते हुए कहा— “महादेव का जोड़ा समझ लीजिए।” तेज प्रताप ने भी मुस्कुराते हुए कहा कि यह सिर्फ एक संयोग है कि दो दिनों में दो बार मुलाकात हो गई।
राजनीति समझने वाले इस मुलाकात को संयोग नहीं, बल्कि संकेत मान कर देख रहे हैं।


NDA में तेज प्रताप की एंट्री?— सवाल तेज

शनिवार की दोबारा मुलाकात के दौरान रवि किशन और तेज प्रताप ने बेहद गर्मजोशी दिखाते हुए एक-दूसरे का अभिवादन किया। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए रवि किशन ने फिर दोहराया कि यह मुलाकात “सामान्य” नहीं है और जल्द ही “संगे शंखनाद होई” यानी कुछ बड़ा राजनीतिक ऐलान होने वाला है

याद रहे कि इससे पहले गया में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी तेज प्रताप को NDA में शामिल होने का खुला प्रस्ताव दिया था और कहा था कि अगर वे प्रधानमंत्री मोदी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर गठबंधन में आते हैं तो उनका स्वागत है।


तेज प्रताप के इशारों से RJD में बेचैनी?

तेज प्रताप यादव जिस तरह BJP नेताओं के साथ अपनी मुलाकातों को लगातार सार्वजनिक कर रहे हैं, राजनीतिक विश्लेषक इसे RJD के लिए एक संदेश के तौर पर देख रहे हैं।
माना जा रहा है कि तेज प्रताप अपने पुराने दल को यह महसूस कराना चाहते हैं कि उन्हें बाहर करके पार्टी ने गलती की और वे अब वक्त आने पर NDA का साथ चुन सकते हैं।

इस आशंका को और बल तब मिला जब कुछ दिन पहले गया में एक सभा में तेज प्रताप ने कहा था कि “परिवार के ही लोगों ने उन्हें साजिश के तहत अलग किया और वे उस सरकार का साथ देंगे जो बिहार के विकास की दिशा में काम करती है।”


क्या NDA में शामिल होंगे तेज प्रताप?— बड़ा प्रश्न

बिहार की राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। दोस्त कब प्रतिद्वंद्वी बन जाए और प्रतिद्वंद्वी कब साझेदार—यह राजनीति का स्वभाव है।
इसलिए यह कहना कि तेज प्रताप निश्चित रूप से NDA में शामिल होंगे या नहीं, अभी मुश्किल है। लेकिन इतना साफ है कि अगर वे विधानसभा में पहुँचते हैं तो वह वही कदम उठाएँगे जो राजनीतिक रूप से उनके लिए फायदेमंद होगा

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