नेपाल: Gen Z के आंदोलन से डगमगाई ओली सरकार, चार मंत्री इस्तीफा देकर बाहर
काठमांडू (NEPAL): नेपाल में सोशल मीडिया बैन ने सरकार के लिए ऐसा संकट खड़ा कर दिया है, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी अब खतरे में है। सोशल मीडिया से बैन हटने के बाद भी युवाओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ। Gen Z की अगुवाई में हो रहे प्रदर्शनों ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया है।
आंदोलन ने लिया उग्र रूप
सोमवार को राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। आक्रोश इस कदर बढ़ा कि जगह-जगह पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ हुई। भीड़ ने संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घर पर हमला कर दिया और उसे आग के हवाले कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के घर पर भी पथराव हुआ।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक की झड़पों में 20 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 300 से अधिक घायल हुए हैं।
चार मंत्रियों ने छोड़ा पद
लगातार बढ़ते जन दबाव के बीच सरकार के चार मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं।
- कृषि एवं पशुपालन मंत्री रामनाथ अधिकारी
- स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल
- गृह मंत्री रमेश लेखक
- जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव
इसके अलावा, सरकार के सहयोगी दलों ने भी समर्थन वापस लेना शुरू कर दिया है।
ओली पर बढ़ा दबाव
युवाओं की मांग अब सिर्फ सोशल मीडिया की आज़ादी तक सीमित नहीं रही। प्रदर्शनकारी केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और खराब नीतियों के खिलाफ युवाओं का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
इसी बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि ओली इलाज के बहाने नेपाल छोड़कर दुबई जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि हिमालय एयरलाइंस को उनके लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।
काठमांडू में माहौल तनावपूर्ण
राजधानी में हालात बेकाबू हैं। संसद भवन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, लेकिन हिंसा थमी नहीं। कई जगहों पर गाड़ियों को आग के हवाले किया गया और सरकारी इमारतों पर पथराव हुआ।
