दिल्ली(DELHI): मौलाना अरशद मदनी के बयान से छिड़ी बहस, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने दिया तीखा जवाब
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने दावा किया कि भारत में मुसलमानों के लिए किसी विश्वविद्यालय का कुलपति बनना लगभग असंभव है, जबकि लंदन और न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक शहरों में मुसलमानों को मेयर जैसे महत्वपूर्ण पद हासिल हो जाते हैं।
उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दिया। जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने मदनी के बयान की आलोचना करते हुए कहा:
“मौलाना मदनी साहब, यह हिंदुस्तान है… यहां का लोकतंत्र और संविधान सभी समुदायों को बराबरी का हक देता है। शासन में भागीदारी किस तरह सुनिश्चित की जाती है, यह सीखना हो तो नीतीश कुमार से सीखिए, जिन्होंने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की राजनीति की है।”
नीरज कुमार ने स्पष्ट किया कि देश में मुसलमान समुदाय के कई लोग उच्च शैक्षणिक पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने दो प्रमुख नामों का उल्लेख करते हुए कहा:
- फैजान मुस्तफा – चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति
- डॉ. मोहम्मद आलमगीर – मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति
जेडीयू नेता ने आगे कहा कि इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से साम्प्रदायिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत का संविधान सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करता है और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
कुसुम न्यूज़ से निशा की रिपोट