दिल्ली (DELHI): अमेरिका द्वारा तैयार किए जा रहे शांति प्रस्ताव को लेकर अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं के बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से फोन पर विस्तृत बातचीत की। जयशंकर ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से साझा करते हुए बताया कि दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन संघर्ष की मौजूदा स्थिति और हालिया घटनाक्रम पर विचार-विमर्श किया।
जयशंकर ने अपनी पोस्ट में लिखा,
“कल शाम यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा से सार्थक बातचीत हुई। उन्होंने संघर्ष क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर जो जानकारी दी, उसके लिए मैं उनका आभारी हूँ। भारत ने दोहराया कि हम तनाव को शीघ्र समाप्त करने और दीर्घकालिक शांति स्थापित करने के प्रयासों का समर्थन करते रहेंगे।”
गौरतलब है कि दोनों नेताओं की मुलाकात इससे पहले नवंबर में कनाडा में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई थी, जहाँ उन्होंने भारत-यूक्रेन संबंधों, युद्ध की स्थिति और संभावित शांति प्रयासों पर विचार साझा किए थे।
भारत हमेशा से यह राय रखता है कि रूस और यूक्रेन के बीच मतभेदों को संवाद और कूटनीतिक समाधान के माध्यम से समाप्त किया जाना चाहिए। इसी बीच, अमेरिका द्वारा तैयार किए गए शांति मसौदे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने स्वीकार किया है कि मसौदा भले ही वॉशिंगटन में तैयार हुआ हो, लेकिन इसमें रूस के सुझाव भी शामिल हैं। यही कारण है कि दस्तावेज़ में ऐसी शर्तें जोड़ी गई हैं, जिन्हें यूक्रेन पहले से ही ठुकराता रहा है।
इसको लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने चिंता जताते हुए कहा है कि देश बेहद कठिन दौर में है। उनके अनुसार, अमेरिका यूक्रेन पर ऐसे प्रस्ताव पर विचार करने का दबाव बना रहा है, जो कई मायने में रूस के हितों की ओर झुका हुआ दिखता है।
अमेरिका ने ज़ेलेंस्की से 27 नवंबर तक इस शांति ड्राफ्ट पर अपनी औपचारिक प्रतिक्रिया देने को कहा है। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे दोनों देशों के बीच किसी संभावित समझौते की आधारशिला बताया है।
कुसुम न्यूज़ से निशा की रिपोट